एसी बाेगी के बाहर बोले रेल यात्री - 'बाप रे बप्‍पा, प्लेटफार्म पर पार्सल का पहाड़, रेल का साहब का कर रहा...'

ट्रेन खड़ी हुई तो यात्रियों के लिए एसी कोच से निकलना मुश्किल हो गया पार्सल विभाग के कर्मी मौजूद रहने के बाद मूकदर्शक बने रहे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 12:37 PM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 01:43 PM (IST)
एसी बाेगी के बाहर बोले रेल यात्री - 'बाप रे बप्‍पा, प्लेटफार्म पर पार्सल का पहाड़, रेल का साहब का कर रहा...'
एसी बाेगी के बाहर बोले रेल यात्री - 'बाप रे बप्‍पा, प्लेटफार्म पर पार्सल का पहाड़, रेल का साहब का कर रहा...'

वाराणसी, जेएनएन। बप्पा रे ... प्लेटफार्म पर पहाड़। सब रेल का साहब लोग क्या कर रहा? यह बोल फरक्का एक्सप्रेस के एसी कोच से उतरे विप्लव चैटर्जी का रहा। वह फरक्का एक्सप्रेस (13413) से देव-दीपावली पर्व की छटा निहारने दिन में मालदा टाउन से चलकर दिन में 11 कैंट रेवले स्टेशन पर पहुंचे थे। 

विप्लव तो एक उदाहरण रहे, उनके जैसी परेशानी दर्जनों यात्रियों को झेलनी पड़ी। क्योंकि ट्रेन के पांच वातानुकूलित कोच में चार रेलवे प्लेटफार्म से बाहर और आखिरी प्‍लेटफार्म पर खड़ा था। आखिरी छोर पर खड़े एसी कोच के बाहर पार्सल पैकेटों का पहाड़ लगा था। ट्रेन खड़ी हुई तो यात्रियों के लिए एसी कोच से निकलना मुश्किल हो गया। पार्सल विभाग के कर्मी मौजूद रहने के बाद मूकदर्शक बने रहे। 

परेशान यात्रियों ने कुलियों को आवाज लगाई तो बमुश्किल उनका सामान उतर सका। यह तो एक कोच के यात्रियों की दुश्वारी रही। एसी के चार कोच एवं पांच अन्य बोगियां रेलवे ट्रैक पर खड़ी होने से बहुतेरे यात्रियों को आने जाने में परेशानी हुई। इस दौरान बहुतों को ट्रेन से उतरना और चढऩा था। यह एक दिन की परेशानी नहीं, बल्कि यात्रियों को रोजाना यह समस्‍या झेलनी पड़ती है।

इसे जिम्मेदार अधिकारी बखूबी परिचित होने के बावजूद परेशानियों पर गौर नहीं फरमाते हैं। हालांकि, रेल प्रशासन की योजना में स्टेशन व यार्ड की  री-मॉडलिंग है, लेकिन उसकी धीमी  रफ्तार परेशानी का सबब बन रही। बहरहाल, अधिकारियों को इससे क्या लेना, देना ...उसे सुरक्षा, सुविधा एवं संरक्षा चाहिए।  

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