वाराणसी के प्रधान डाकघर में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच गुपचुप तरीके से जारी
कैंटोंमेंट स्थित प्रधान डाकघर में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच बेहद गुपचुप तरीके से चल रही है। जांच टीम घोटाले से संबंधित कई तरह की पत्रवाली जुटा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। कैंटोंमेंट स्थित प्रधान डाकघर में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच बेहद गुपचुप तरीके से चल रही है। जांच टीम घोटाले से संबंधित कई तरह की पत्रवाली जुटा रही है। मंगलवार को जांच टीम मौके पर है।
कई महत्वपूर्ण दस्तावेज टीम के रडार पर हैं। सूत्रों की माने तो तीन दिनों से टीम शहर में डटी हुई है और विभिन्न बिंदुओं पर गोपनीय तरीके से जांच कर रही है। हालांकि, इस बारे में विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपना मुंह नहीं खोल रहा।
सोमवार की सुबह जांच टीम के प्रधान डाकघर आने की सुगबुगाहट से कर्मचारी समस्त पत्रावलियों को दुरुस्त करने में लगे रहे। दिनभर इसी हलकान में थे कि टीम कौन से दस्तावेज मांग ले और इस बाबत पूछताछ शुरू कर दे। जबकि ईडी या सीबीआई टीम के आने के बाबत विभागीय अधिकारियों ने अनभिज्ञता जाहिर की। उनके अनुसार ऐसी कोई टीम फिलहाल नहीं पहुंची है।
वाराणसी के प्रधान डाकघर में हुए करोड़ों की घोटाले की जांच गुपचुप तरीके से जारी
सूत्रों की माने तो जांच टीम के कारण ही रविवार को अवकाश के बावजूद डाकघर का कार्यालय खुला था और कर्मचारी कार्यालय में देर तक रुककर जरूरी दस्तावेजों को व्यवस्थित करते रहे। गौरतलब है कि मुख्य डाकघर में पिछले दिनों करोड़ों रुपये के घोटाले की लंबी लिस्ट सामने आने के बाद से ही सीबीआई जांच की मांग उठने लगी थी। इसी कड़ी में पहले विजिलेंस और आर्थिक अपराध शाखा की टीम को जांच में लगाया गया था। घोटाले की रकम बढऩे के साथ जांच का दायरा बढ़ता गया, जिसके कारण पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा ईडी और बीते 15 फरवरी को सीबीआई को सौंप दिया गया।
जिन खाताधारकों के साथ फ्राड हुआ है वे जांच की जानकारी प्राप्त करने और अपने भुगतान को लेकर आए-दिन डाकघर का चक्कर लगा रहे हैं। चर्चा है कि जिनके खाते से रकम का घोटाला हुआ है उन सभी खाताधारकों को ब्याज सहित भुगतान किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद खाताधारकों को पूर्व में जारी किए गए पासबुक जमाकर उन्हें डुप्लीकेट पासबुक दिया जाएगा। इसके बाद उनसे प्राप्त क्लेम का सत्यापन करते हुए भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी।