पौष पूर्णिमा व माघ मेला पर गंगा में बारी-बारी से चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश

प्रयागराज में आयोजित होने वाले स्नान के प्रमुख त्योहारों पर गंगा में चार हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 07:02 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 10:34 PM (IST)
पौष पूर्णिमा व माघ मेला पर गंगा में बारी-बारी से चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश
पौष पूर्णिमा व माघ मेला पर गंगा में बारी-बारी से चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश

वाराणसी, जेएनएन। प्रयागराज में आयोजित होने वाले स्नान के प्रमुख त्योहारों पर गंगा में चार हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है। ताकि नदी में पर्याप्त पानी रहे और प्रवाह हो सके। वहीं प्रयागराज में पानी छोडऩे के बाद वाराणसी में भी स्थिति बेहतर होगी।

बाढ़ के कारण पिछले माह तक बाढ़ नदियों पानी लबालब भरा हुआ था। हालांकि अब धीरे-धीरे गंगा सहित तमाम नदियों में पानी कम होते जा रहा है। वाराणसी में गंगा घाटों को छोड़ते जा रही है। वाराणसी में गंगा का जहां एक जून को जलस्तर 58.45 मीटर था वहीं प्रयागराज में 71.33 मीटर ही था। जब बाढ़ आई तो गंगा हर जगह खतरे के निशान के ऊपर बहने लगीं थीं। हालांकि अब धीरे-धीरे जलस्तर बहुत कम हो गया है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से 31 अक्टूबर को जारी अंतिम फोरकास्ट के तहत वाराणसी में 62.28 और प्रयागराज में 74.39 मीटर तक था। यानी सबसे न्यूनतम जलस्तर से स्थिति अभी बेहतर है। सिंचाई विभाग को अनुमान है कि दिसंबर के बाद गंगा नदी का जलस्तर और कम हो जाएगा, जिसके कारण प्रवाह भी कम हो जाएगा। सिंचाई विभाग वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी (मुख्य अभियंता सोन) ने बताया कि संबंधित विभाग को 4000 क्यूसेक पानी छोडऩे का निर्देश दिया गया। इसके तहत आगामी स्नान के प्रमुख त्योहारों पौष पूर्णिमा, माघ मेला, मकर संक्रांति, मौनी आमाव्यसा, महा शिवरात्रि से पहले पानी छोडऩे के लिए कहा गया है।

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