एमएलसी विशाल सिंह के वाहन एजेंसी के ट्रेड सर्टिफिकेट पर सुनवाई कल, दोनों पक्ष रखेंगे अपनी बात

स्कार्पियो बेचने के बाद उसका पंजीयन परिवहन कार्यालय में न कराने पर हाईकोर्ट के निर्देश पर सहायक परिवहन अधिकारी (प्रशासन) आज फिर सुनवाई करेंगे। पांच फरवरी को सुनवाई के बाद एआरटीओ ने 16 फरवरी की तिथि मुकर्रर की थी। इसमें दोनों पक्ष अपनी बात एआरटीओ के समक्ष रखेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 09:52 PM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 09:52 PM (IST)
एमएलसी विशाल सिंह के वाहन एजेंसी के ट्रेड सर्टिफिकेट पर सुनवाई कल, दोनों पक्ष रखेंगे अपनी बात
स्कार्पियो बेचने के बाद उसका पंजीयन परिवहन कार्यालय में न कराने पर हाईकोर्ट के निर्देश पर फिर सुनवाई करेंगे।

वाराणसी, जेएनएन। स्कार्पियो बेचने के बाद उसका पंजीयन परिवहन कार्यालय में न कराने पर हाईकोर्ट के निर्देश पर सहायक परिवहन अधिकारी (प्रशासन) 16 फरवरी फिर सुनवाई करेंगे। पांच फरवरी को सुनवाई के बाद एआरटीओ ने 16 फरवरी की तिथि मुकर्रर की थी। इसमें दोनों पक्ष अपनी बात एआरटीओ के समक्ष रखेंगे। हाईकोर्ट का आदेश होने से एआरटीओ को वाहन स्वामी को नजर अंदाज करना कठिन होगा। वहीं, दूसरा पक्ष अपने वाहन का ट्रेड सर्टिफिकेट बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रखा है। इस एजेंसी का ट्रेड सर्टिफिकेट पंजीयन एमएलसी विशाल सिंह चंचल के नाम से परिवहन कार्यालय में है।

कैंट थाना क्षेत्र के संजय नगर कालोनी निवासी पंकज पांडेय ने 18 फरवरी 2017 को राज इंडिया आटो प्राइवेट लिमिटेड से स्कार्पियो खरीदी थी। पंकज पांडेय का आरोप है कि स्कार्पियो बेचने के साथ डीलर ने पंजीयन शुल्क का पूरा पैसा ले लिया था। पंजीयन किताब (आरसी) के लिए लगातार डीलर के यहां दौड़ता रहा लेकिन कोई जवाब देने वाला नहीं था। करीब तीन साल से स्कार्पियो का पंजीयन नहीं होने से काफी शुल्क बढ़ गया।

न्यायालय के निर्देश पर पांच फरवरी को सुनवाई की गई थी

न्यायालय के निर्देश पर पांच फरवरी को सुनवाई की गई थी। प्रपत्र संतोषजनक नहीं होने पर डीलर को नोटिस जारी किया गया। आज फिर दोनों पक्ष को सुनवाई के लिए बुलाया गया है। दोनों पक्षों के प्रपत्रों को देखने के बाद निर्णय लिया जाएगा। निर्णय से न्यायालय को भी अवगत कराना है, ऐसे में प्रपत्रों की गहनता से जांच की जाएगी। यदि कोई प्रपत्र गलत या फर्जी लगाएगा है तो उसके खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

- सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)

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