जल संरक्षणः बनारस, झांसी और आगरा से परखेंगे यूपी का भूजल स्तर

उत्तर प्रदेश में भू-जल स्तर को लेकर हाईटेक मानीटरिंग का निर्णय लिया गया है। प्रदेश स्तर पर लखनऊ व क्षेत्रीय स्तर पर झांसी, आगरा व वाराणसी में केंद्र बनेंगे।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 11:22 PM (IST) Updated:Thu, 04 Oct 2018 11:23 PM (IST)
जल संरक्षणः बनारस, झांसी और आगरा से परखेंगे यूपी का भूजल स्तर
जल संरक्षणः बनारस, झांसी और आगरा से परखेंगे यूपी का भूजल स्तर

वाराणसी (अंकुर त्रिपाठी)। उत्तर प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर को लेकर शासन गंभीर हो गया है। इसकी हाईटेक मानीटरिंग कराने का निर्णय लिया गया है। इससे संबंधित सारे कार्य के लिए प्रदेश स्तर पर लखनऊ व क्षेत्रीय स्तर पर झांसी, आगरा व वाराणसी में इनफार्मेटिक केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें भू-जल सर्वेक्षण और नियोजन समेत अन्य तकनीकी कार्य सम्मिलित हैं। भूगर्भ जल विभाग ने इन जिलों में भूमि तलाशने व सेंटर निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। 

दैनिक जागरण का जलदान अभियान 

गिरते जलस्तर को लेकर आए दिन प्रदेश को चेतावनी जारी हो रही है। जागरूकता कार्यक्रमों का भी असर नहीं दिख रहा है। दैनिक जागरण ने अगस्त 2017 में जलदान अभियान चलाया था, इससे बनारस से लेकर प्रदेश तक भू-जल को सहेजने की नीति बनाने पर जिम्मेदार संजीदा होने लगे। राज्य स्तरीय भूगर्भ इनफारमेटिक्स सेंटर लखनऊ के गोमती नगर में तैयार किया जाएगा। वहीं भू-गर्भ जल विभाग ने क्षेत्रीय सेंटर के लिए वाराणसी, आगरा व झांसी के डीएम व विकास प्राधिकरण से जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

25-25 जिलों का आंकलन करेंगे तीनों सेंटर 

वाराणसी विकास प्राधिकरण को भू-गर्भ जल अनुभाग की प्रमुख सचिव अनीता सिंह का पत्र मिला है, जिसमें सेंटर स्थापित करने को 300 वर्ग मीटर भूमि मुहैया कराने का आग्र्रह किया गया है। इन तीनों रीजनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर में करीब 25-25 जिलों के भूजलस्तर का आंकलन, एक्विफर मैपिंग एंड मैनेजमेंट, भू-जल के विकास, संरक्षण, उपयोग और नियोजन के लिए योजनाएं तैयार होंगी। लैब स्थापना, डाटा कलेक्शन व रिसर्च भी होगा।

प्रदेश में 820 में 172 ब्लॉक डार्कजोन में 

भूगर्भ जलस्तर की चिंताजनक स्थिति को ऐसे समझा जा सकता है कि 820 में 172 ब्लाक को भूजल के अत्यधिक दोहन के चलते डार्क जोन (अतिदोहित) श्रेणी में डाल दिया गया है। प्रमुख सचिव अनीता सिंह के मुताबिक राज्य के कई जिले भू-गर्भ के गिरते स्तर के चलते खतरे के राडार पर हैं। ऐसे में जरूरी है कि इनफारमेटिक्स सेंटर बनाकर भू-गर्भ के संरक्षण के लिए तेजी से काम हो।

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