ठंड में उतार-चढाव स्वास्थ्य से लेकर गेंहू की पैदावार पर डाल सकता है प्रभाव, वाराणसी में बादल सहित बूंदाबांदी के संकेत

जनवरी में पहली बार मौसम में इतनी ऊथल-पुथल देखी जा रही है। अचानक कड़ाके की ठंड से कड़ी धूप का होना और हवाओं का चलते-चलते बंद हो जाना एक व्यापक परिवर्तन का संकेत है। मौसम के उतार चढ़ाव का क्रम जो कुछ दिनों से लगातार जारी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 05:40 AM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 05:40 AM (IST)
ठंड में उतार-चढाव स्वास्थ्य से लेकर गेंहू की पैदावार पर डाल सकता है प्रभाव, वाराणसी में बादल सहित बूंदाबांदी के संकेत
मौसम के उतार चढ़ाव का क्रम जो कुछ दिनों से लगातार जारी है!

वाराणसी, जेएनएन। जनवरी में पहली बार मौसम में इतनी ऊथल-पुथल देखी जा रही है। अचानक कड़ाके की ठंड से कड़ी धूप का होना और हवाओं का चलते-चलते बंद हो जाना एक व्यापक परिवर्तन का संकेत है। मौसम के उतार चढ़ाव का क्रम जो कुछ दिनों से लगातार जारी है, वह स्वास्थ्य और खेती-किसानी सबके लिए हानिकारक है। शुक्रवार को उच्चतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम 13.6 डिग्री सेल्सियस तक गया, जबकि एक दिन पहले यह 29 डिग्री और 16 डिग्री सेल्सियस तक गया था।

इस बीच सामान्य के मुकाबले उच्चतम तापमान तीन डिग्री और न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। सुबह खिली धूप के साथ सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलीं, जो कि दोपहर तक चार किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर आ गई। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ जो कुछ दिन से कमजोर था वह अभी भी ठीक नहीं हुआ है, इसलिए ठंड अच्छी नहीं पड़ रही है। वहीं इस तरह के ऊतार-चढ़ाव से गेहूं और अन्य फसलों के पैदावार पर असर पड़ सकता है। मौसम विभाग का माने तो दस जनवरी के बाद तापमान में तेजी से कमी आएगी, न्यूनतम तापमान छह से सात डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस दौरान वातावरण में नमी भी 91 फीसद दर्ज किया गया, इस लिहाज से आने वाले दिनों में बादल व बारिश जैसी भी संभावना बनी रह सकती है।

विटामिन सी का डोज बढ़ाए

मौसम के ऊतार-चढ़ाव ने लोगों को हैरान ही नहीं बल्कि बीमार भी कर दिया गया है। चारों ओर वायरल बुखार समेत तमाम बैक्टीरियल और विषाणुजनित रोगों की समस्या बढ़ गई है, जिससे हमें बचने की जरूरत है और खासकर गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत और डाइट का ख्याल रखने की जरूरत है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू की सीनियर रजिडेंट डा. संख्या बताती हैं कि सर्दी के मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी, फ्लू आदि की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में आम इंसान से लेकर गर्भवती महिलाओं को बिना परामर्श की दवा नहीं लेनी चाहिए। इस मौसम में ताजे फल, हरी सब्जियां, विटामिन सी से भरपूर आहार जैसे संतरा आदि और ब्रोकली का सेवन करना उचित रहेगा। इससे प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। वहीं इस समय ठंडे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।

बचाव के अन्य उपाय

- त्वचा के रूखापन एवं खुजली से बचने के लिए पानी या तरल पदार्थों का उचित मात्रा में सेवन करें।

- कैल्शियम, प्रोटीन व विटामिन के लिए दूध, पनीर, दही, मक्खन, अंडे आदि जरूरी।

- कार्य एवं व्यायाम से गर्मी का एहसास होने पर तुरंत कपड़े नहीं उतारना चाहिए।

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