बेटी की आशिकी में कर दी पिता की हत्या, मऊ में अरुण हत्‍याकाडं में पुलिस ने दो आरोपितों को किया गिरफ्तार

मऊ घोसी कोतवाल कु़मुद शेखर सिंह ने बड़ागांव निवासी 50 वर्षीय अरुण मजमूदार की हत्या का पर्दाफाश करने के साथ ही घटना में शामिल दोनों युवकों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर हड़हुंआ के समीप शुक्रवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे गिरफ्तार कर लिया।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 05:02 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 05:02 PM (IST)
बेटी की आशिकी में कर दी पिता की हत्या, मऊ में अरुण हत्‍याकाडं में पुलिस ने दो आरोपितों को किया गिरफ्तार
मऊ, घोसी कोतवाल कु़मुद शेखर सिंह ने बड़ागांव निवासी 50 वर्षीय अरुण मजमूदार की हत्या का पर्दाफाश किया।

मऊ, जेएनएन।  घोसी कोतवाल कु़मुद शेखर सिंह ने बड़ागांव निवासी 50 वर्षीय अरुण मजमूदार की हत्या का पर्दाफाश करने के साथ ही घटना में शामिल दोनों युवकों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर हड़हुंआ के समीप शुक्रवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे गिरफ्तार कर लिया। अरुण मजूमदार की पुत्री से शादी करने पर आमादा बड़ागांव के डड़वां निवासी संजीत गोंड ने गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना के बेदौली निवासी अपने ममेरे भाई सोमारू के सहयोग से हत्या कर शव को कार में छिपाकर दक्षिण टोला थाना के रैनी गांव में बागीचे में फेंक दिया था।

 डड़वां निवासी संजीत गोंड के पिता स्थानीय कोतवाली में मेस मे भोजन बनाते थे। संजीत भी पिता संग बड़ागांव में ही रहता था। उसी के बगल में पश्चिम बंगाल निवासी अरुण मजूमदार भी अपनी पुत्री, पत्नी एवं पुत्र संग रहता था। अरुण की पुत्री एवं संजीत के बीच प्रगाढ़ता बढ़ गई। बाद में संजीत बड़ागांव के डड़वां में रेलवे क्राङ्क्षसग के समीप रहने लगा। अरुण की पुत्री ने संजीत के शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इससे खार खाया संजीत उसे तंग करने लगा। अरुण ने भी उसे समझाया पर वह नहीं माना। इसके चलते अरुण ने अपनी पुत्री को घर भेज दिया। इसकी जानकारी होते ही संजीत ने अरुण को जान से मारने की धमकी दी पर अरुण ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अरुण की हत्या की योजना बनाकर उसने अपने ममेरे भाई सोमारू को बुला लिया। 29 नवंबर को सोमारू अरुण से मिला और चिडिय़ा दिलाने को कहा।

अरुण शाम को चीनी मिल से तनिक आगे मजार के समीप पहुंचा। वहां पर इन दोनों ने गमछा से अरुण का गला कस दिया और पीछे से सिर में डंडा से वार कर दिया। अरुण की मौत होते ही दोनों ने कार में उसका शव रखा और रैनी गांव में सूनसान स्थान पर फेंक दिया। अगले दिन अरुण का शव बरामद होते ही घोसी में कोतवाल रह चुके दक्षिण टोला थानाध्यक्ष परमानंद मिश्रा ने अरुण को पहचान लिया। मौके पर पहुंचे अरुण के परिजनों ने शव अरुण का होने की पुष्टि की। मृतक के पुत्र राजू मजूमदार ने घोसी कोतवाल कुमुद शेखर ङ्क्षसह को संपूर्ण जानकारी देते हुए तहरीर दी। मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस ने मृतक की पुत्री सहित एक-एक सदस्य का बयान लिया। मुखबिर की सूचना पर कोतवाल श्री ङ्क्षसह ने उपनिरीक्षक प्रताप नरायन यादव, हमराही सिपाहियों अतुल वर्मा, अनवार अहमद और महिला सिपाही क्रांति चौबे के सहयोग हड़हुआं के समीप संजीत और सोमारू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गमछा, डंडा एवं उस कार को भी बरामद किया।

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