गाजीपुर में किसानों की बाढ़ राहत राशि बहा ले गए भ्रष्ट राजस्वकर्मी, आरटीआई में हुआ खुलासा

पिछले वर्ष आई बाढ़ किसानों की धान की फसल बहा ले गई। सरकार ने पीडि़त किसानों के लिए राहत राशि भेजी तो कूट रचित कागजातों के सहारे उसे गाजीपुर के भ्रष्ट राजस्व कर्मी बहा ले गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 08 Sep 2020 09:51 PM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 09:51 PM (IST)
गाजीपुर में किसानों की बाढ़ राहत राशि बहा ले गए भ्रष्ट राजस्वकर्मी, आरटीआई में हुआ खुलासा
गाजीपुर में किसानों की बाढ़ राहत राशि बहा ले गए भ्रष्ट राजस्वकर्मी, आरटीआई में हुआ खुलासा

गाजीपुर [जितेंद्र यादव]। पिछले वर्ष आई बाढ़ किसानों की धान की फसल बहा ले गई। सरकार ने पीडि़त  किसानों के लिए राहत राशि भेजी तो कूट रचित कागजातों के सहारे उसे भ्रष्ट राजस्व कर्मी बहा ले गए। इधर, सब कुछ गंवाने के बाद किसानों के हाथ कुछ नहीं आया। वह भूख से सिकुड़ रहे अपने पेट पर हाथ रखकर कभी अपनी बर्बाद हुई खेती का तो कभी राजस्व विभाग का टुकुर-टुकुर मुंह ताक रहे हैं। मामला मुहम्मदाबाद तहसील के सियाड़ी गांव का है, जहां के किसानों के लिए आई राहत राशि को जिम्मेदारों ने मिलीभगत कर लूट लिया। इसका सच तब सामने आया, जब आरटीआई एक्टिविस्ट शिवकुमार राय को आरटीआई के माध्यम से ट्रेजरी से इसके प्रपत्र मिले।

कई किसानों को एक से अधिक बार भुगतान

राजस्वर्किमयों द्वारा किए गए गबन का जरा नमूना देखिए...एक ही टोकन, बिल व खाता नंबर पर यमुना राय को दो बार 22156-22156 रुपये का भुगतान कर दिया। उन्हीं के टोकन व बिल नंबर पर सरोज राय को भी 6373 रुपये का भुगतान किया है। सरोज राय को एक दूसरे टोकन व बिल नंबर पर लेकिन पहले वाले ही बैंक खाते में फिर से 6373 रुपये का भुगतान किया गया है। यह सभी भुगतान यूबीआई की कनुआन शाखा में किए गए हैं। इसी एक ही टोकन व बिल नंबर पर गिरिजा को दो बार 6446 और 6440 रुपये का भुगतान इलाहाबाद की गोड़उर शाखा में किया गया है।

सर्किल रेट से कई गुना अधिक दे दी राशि

राजस्वर्किमयों के भ्रष्टाचार को एक और नमूना देखिए... राजस्वर्किमयों ने सभी किसानों के लिए अलग-अलग 2.45 बीघा के मालिक श्रीकांत को र्सिकल रेट के हिसाब से 26 हजार रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि 0.2 बीघा की मालिक प्रभावती को भी 26 हजार रुपये की राशि दी गई है। 3.2 बीघा वाले अरुण को केवल 16 हजार 334 रुपये से संतोष करना पड़ा। इसी तरह और भी दर्जनों किसानों की राहत राशि में अनियमितता की गई है। दूसरे गांव के किसानों को दे दिया रुपये

लेखपाल ने हद दर्जे का भ्रष्टाचार किया है। दूसरे किसान की राहत राशि किसी और के खाते में भेजवा दिया है। सियाड़ी गांव के किसान गिरजा के नाम दो बार दूसरे के खाते में राहत राशि दे दी। वहीं जयशंकर की राशि भी दूसरे के खाते में भेज दी गई है। यही नहीं, किसानों का आरोप है कि लेखपाल ने सुविधा शुल्क लेकर फसल बीमा कराने वाले किसानों को भी राहत राशि दे दिया, जिसने सुविधा शुल्क नहीं दिया, उन्हें पात्र रहते हुए भी वंचित कर दिया।

जिलाधिकारी से लगाई गुहार

राजस्वर्किमयों के भ्रष्टाचार से पीड़ति किसानों ने जिलाधिकारी को पत्रक देकर पूरे प्रकरण से न केवल उन्हें अवगत कराया, बल्कि जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। मामला खुलने के बाद संबंधितों में हड़कंप मचा हुआ है और वह किसी तरह मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए हैं। इधर, किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर इसका निस्तारण नहीं किया गया तो वह आंदोलन करने को बाध्य होंगे। 

chat bot
आपका साथी