अपने काशी दौरे में 'हृदय' की नब्ज टटोल सकते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की खबर लगते ही प्रशासन की कसरत तेज हो गई, लंबित चल रहे कार्यों को फाइनल टच देने के लिए ताकत झोंक दी गई।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री 29 दिसंबर को हृदय योजना के 81 साइटों का लोकार्पण करेंगे। इसके लिए नगर निगम काफी दिन से कसरत में जुटा है। इस बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की खबर लगते ही कसरत तेज हो गई। काम को फाइनल टच देने के लिए ताकत झोंक दी गई। अगर सीएम ने किसी साइट का विजिट किया तो अफसरों की धड़कनें बढऩा तय हैं। कुछ साइटों पर अभी भी काम अधूरा है। इसे पूरा करना बड़ी चुनौती है।
योजना के तहत निर्माण कार्यों में पहले भी व्यापक लापरवाही सामने आ चुकी है। 11.97 करोड़ से 81 हेरिटेज स्थलों का कार्य 23 सितंबर 2016 में शुरु हुआ था। इसके तहत प्रमुख मंदिरों, मजारों, विद्यालयों, कुंडों, तालाबों व अन्य धरोहरों का संवद्र्धन कार्य कराया गया। शौचालय, डस्टबिन, प्रकाश व्यवस्था, मुख्य द्वार, हेरिटेज पोल लाइट, मार्ग निर्माण, सीमेंट म्यूरल सहित अन्य काम कराए जाने थे, इनमें से कुछ काम ही हुए। कहीं शौचालय नहीं तो कहीं पानी की व्यवस्था नहीं। दोयम दर्जे के काम के बाद इनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं।
जनवरी में भारत माता मंदिर आए थे सीएम : भारत माता मंदिर परिसर में योजना के तहत कई काम कराए गए थे। यहां मंदिर से लगभग पांच मीटर के पहले तक ही पाथवे बनाया गया, इससे आगे पुराना रास्ता है। दोनों के मिलान पर थोड़ा ऊंचा-नीचा है। इस वर्ष जनवरी में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे तो इस स्थान पर हल्की सी ठोकर लग गई थी। उन्होंने इसे ठीक कराने के लिए निर्देश दिया था। जिसका पालन आज तक नहीं कराया जा सका।
पितृकुंड लल्लापुरा : यहां इस समय काम जोरों पर चल रहा, मगर जल्दबाजी में मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा। अभी भी मुख्य द्वार का काम तक शुरू नहीं हुआ है। तालाब में पानी भरने के लिए इंतजाम नहीं हुआ है। यहां काम में अभी काफी समय लग सकता है। लाइट, बेंच, शौचालय सहित कई काम होने हैं।
मातृकुंड, लल्लापुरा : यहां रंग-रोगन, सीढिय़ों का निर्माण कराया गया है। यहां भी काम दोयम दर्जे का हुआ है। पाथवे के पेवरब्लाक उखडऩे लगे हैं। रास्ता ऊपर-नीचे है। तालाब में थोड़ा सा गंदा पानी है, इसकी देखरेख भी नहीं होती है।
बत्तीस खंभा, दोषीपुरा : बत्तीस खंभा दोषीपुरा में भी सुंदरीकरण कराया गया था। यहां बाउंड्रीवाल भी बनाई गई है। लेकिन साफ सफाई नहीं होने से दीवारों पर गंदगी फैल गई है। कुलमिलाकर यहां भी खानापूर्ति की गई है।