दुनिया से विदा हो चुके शख्स का काट दिया चालान, चालानकर्ता को अदालत में पेश कराने का नगर आयुक्त को आदेश

हमेशा चर्चा में बने रहने वाले नगर निगम ने एक और कारनामा कर विभाग की कार्यप्रणाली को हास्यास्पद बना दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 02:21 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 02:22 PM (IST)
दुनिया से विदा हो चुके शख्स का काट दिया चालान, चालानकर्ता को अदालत में पेश कराने का नगर आयुक्त को आदेश
दुनिया से विदा हो चुके शख्स का काट दिया चालान, चालानकर्ता को अदालत में पेश कराने का नगर आयुक्त को आदेश

वाराणसी, जेएनएन। हमेशा चर्चा में बने रहने वाले नगर निगम ने एक और कारनामा कर विभाग की कार्यप्रणाली को हास्यास्पद बना दिया है। निगम के स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ने सड़क पर गंदगी फेंकने का आरोप लगाते हुए उसका चालान काट दिया जिनकी मृत्यु ढाई साल पहले हो चुकी है। चालानकर्ता की कारगुजारी संज्ञान में आने पर अदालत ने मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रणविजय सिंह ने नगर आयुक्त को आदेश दिया है कि चालान काटने वाले अधिकारी के नाम पते का उल्लेख करते हुए उसे स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु न्यायालय के समक्ष पेश कराना भी सुनिश्चित कराएं ताकि उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा सके।

प्रकरण के मुताबिक नगर निगम के नगवां वार्ड के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने सरायनंदन,भेलूपुर के कृष्णदेव नगर निवासी विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ 15 मार्च 2019 को चालान काटा। आरोप था कि सफाई के बाद सड़क पर कूड़ा कचरा फेंक देते हैं जिससे गंदगी बनी रहती है। मना करने पर मानते नहीं हैं। चालान काटने के बाद कानूनी कार्यवाही के लिए नगर निगम द्वारा पत्रावली न्यायालय में भेज दी गयी। अदालत से विजय कुमार सिन्हा को हाजिर होने के लिए समन जारी किया गया। उनके हाजिर नहीं होने पर अदालत ने जमानती वारंट जारी करते हुए सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की। न्यायालय की नोटिस की जानकारी होने पर दिवंगत विजय कुमार सिन्हा के पुत्र आलोक मुकदमे की नियत तिथि पर अदालत के समक्ष उपस्थित हुए और लिखित जानकारी दी कि उसके पिता विजय कुमार सिन्हा की 27 नवंबर 2016 को मृत्यु हो चुकी है।

आलोक ने अपने कथन के समर्थन में नगर निगम द्वारा 16 दिसंबर 2016 जारी मृत्यु प्रमाण पत्र तथा क्षेत्रीय पार्षद का पत्र भी प्रस्तुत किया। भेलूपुर पुलिस द्वारा भी विजय कुमार सिन्हा की मृत्यु की रिपोर्ट दी गई। आलोक ने पिता के विरुद्ध लंबित मुकदमे (परिवाद)को समाप्त करने की गुहार लगाई। सभी पत्रावलियों के अवलोकन के बाद अदालत को आश्चर्य हुआ कि जिस व्यक्ति के विरुद्ध नगर निगम द्वारा जिस तिथि को परिवाद संस्थित किया गया है उस तिथि से ढाई वर्ष पहले उसकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसी स्थिति में किन परिस्थितियों में संबंधित अधिकारी द्वारा मृत व्यक्ति के विरुध्द चालान काटा गया है,यह स्पष्ट नहीं हो रहा है। चालान के प्रार्थना पत्र देने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर पर मात्र चालानकर्ता का हस्ताक्षर है। उसके स्पष्ट नाम-पते का उल्लेख नहीं किया गया है।

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