BHU में जीन Expert Machine आते ही एक घंटे में coronavirus के 16 सैंपल की जांच

बीएचयू में जीन एक्सपर्ट मशीन आते ही एक घंटे में कोरोनावायरस के 16 सैंपल की जांच होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 28 Apr 2020 08:20 AM (IST) Updated:Tue, 28 Apr 2020 09:07 AM (IST)
BHU में जीन Expert Machine आते ही एक घंटे में coronavirus के 16 सैंपल की जांच
BHU में जीन Expert Machine आते ही एक घंटे में coronavirus के 16 सैंपल की जांच

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के माइक्रोबायोलाजी लैब में इन दिनों वाराणसी समेत 13 जिलों के कोरोना सैंपल की जांच हो रही है। मार्च के पहले सप्ताह से चल रही जांच में अब तक 5500 से अधिक सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिसमें सिर्फ वाराणसी से ही 1600 सैंपल भेजे जा चुके हैं। बावजूद इसके सैंपल अधिक होने की वजह से जांच में देरी भी हो रही है। कई जिलों में सैंपल की रिपोर्ट भी समय से नहीं मिल पा रही है। इस समस्या से निस्तारण के लिए विवि प्रशासन ने एक और जीन एक्सपर्ट मशीन का आर्डर दिया है। इस मशीन की खाशियत है कि इससे एक घंटे में कोरोना के 16 सैंपल की जांच की जा सकेगी।

चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित माइक्रोबायोलाजी विभाग के लैब में फिलहाल पांच रियल टाइम पीसीआर मशीन, एक एबॉट, एक सीबी-नॉट व एक जीन एक्सपर्ट मशीन उपलब्ध है। वर्तमान में पांच रियल टाइम पीसीआर मशीनों से जांच की जा रही है। वहीं लैब में एचआइवी जांच में प्रयुक्त एबॉट मशीन व एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली सीबी-नॉट मशीन भी उपलब्ध है। इनसे भी कोरोना जांच की जा सकती है।

आइसीएमआर से जांच शुरू करने के लिए अनुमति मांगी गई है। वहीं पहले से लैब में उपलब्ध जीन एक्सपर्ट मशीन से पिछले चार-पांच दिन में कुल 105 सैंपलों की जांच की गई। किट खत्म होने के बाद फिलहाल इससे जांच नहीं हो पा रही है। वहीं विवि प्रशासन ने 72 लाख रुपये की लागत से एक और जीन एक्सपर्ट मशीन का आर्डर दिया गया है, जो शनिवार तक लैब में पहुंच जाएगी। एमएस प्रो. एसके माथुर के मुताबिक संसाधन बढऩे के साथ न केवल पेंडेंसी खम होगी, बल्कि जांच रिपोर्ट भी कम समय में मिल पाएगी।

आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ से भी अब तक 200 से अधिक सैंपल की जांच कर रिपोर्ट दी जा चुकी है। पहले जहां 100 से 150 सैंपल रोजाना आते थे, वहीं एक सप्ताह से 300 से 350 सैंपल आ रहे हैं। सैंपल अधिक होने की वजह से जांच में देरी भी हो रही है। कई जिलों में सैंपल की रिपोर्ट भी समय से नहीं मिल पा रही है।

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