सावधानी- दें गर्मी की बीमारियों को मात, सिर से लेकर पैर तक ढंक कर ही निकलें बाहर

तापमान का चढ़ता पारा सेहत का वारा-न्यारा कर सकता है। धूप त्वचा को झुलसाने के साथ शारीरिक क्रियाएं भी अस्त-व्यस्त कर सकती हैं। लापरवाही बरती तो बीमार तो होंगे ही।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 02:42 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 07:03 AM (IST)
सावधानी-  दें गर्मी की बीमारियों को मात, सिर से लेकर पैर तक ढंक कर ही निकलें बाहर
सावधानी- दें गर्मी की बीमारियों को मात, सिर से लेकर पैर तक ढंक कर ही निकलें बाहर

वाराणसी, जेएनएन। तापमान का चढ़ता पारा सेहत का वारा-न्यारा कर सकता है। धूप त्वचा को झुलसाने के साथ शारीरिक क्रियाएं भी अस्त-व्यस्त कर सकती हैं। लापरवाही बरती तो बीमार तो होंगे ही, अस्पताल जाने का भी इंतजाम हो जाएगा। इससे चौकस रहें तो गर्मी की गंभीर बीमारियों को मात दे पाएंगे।  आइये जानते हैं इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन के अध्यक्ष डा. पीके तिवारी से कि कैसे गर्मी में सावधानी बरतें और स्‍वस्‍थ रहें। 

धूप से आते ही न लें ठंडा पानी

धूप से आने के बाद तत्काल बहुत ठंडे पानी से मुंह धोने लगते हैं। वास्तव में इससे त्वचा ही नहीं रक्त नलिकाएं तक असहज हो जाती हैं। इससे एलर्जी संबंधी दिक्कतें और फिर गले में इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में धूप से आने के बाद पहले शरीर का तापमान सामान्य होने दें। चाहें तो सामान्य पानी से मुंह धो लें, शरीर का तापमान सामान्य होने के बाद ही पानी पीएं। कोशिश करें ठंडे पानी भी कुएं या झंझर पानी की तरह ही शीतल हो।

नख-शिख ढक कर ही धूप में निकलें

बहुत जरूरी हो तभी धूप में निकलें लेकिन पैर से लेकर सिर तक पूरी तरह ढक कर। हेलमेट के नीचे तौलिया-गमछा या रूमाल लगा लें। कपड़े भी तंग न पहनें ताकि वेंटीलेशन बना रहे। भर पेट पानी या नमक-चीनी का घोल पीकर निकलें।

 सहनशीलता की परीक्षा न लें

शारीरिक क्रियाओं के संचालन के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है। तेज धूप में अधिक देर तक रहने पर त्वचा झुलसने के साथ ही कमजोरी, थकावट, बेचैनी, अनिद्रा, पेशियों में ऐंठन, कार्य क्षमता में कमी समेत शारीरिक सिस्टम बिगड़ सकता है। यह स्थिति हीट स्ट्रोक यानी जानलेवा हो सकती है।

धूप का पीक आवर

दोपहर 12 से चार बजे तक धूप अधिक होती है। इसमें 12.30 से दो बजे तक का मौसम अधिक गर्म होता है। प्रयास करें इस समय में धूप में न जाएं। धूप से अचानक ठंड में या ठंड से सीधे धूप में न जाएं। इससे रिएक्शन, इंफेक्शन और बीमारी हो सकती है।

क्या खाएं

गरमी के मौसम में खुराक से कम और हल्का खाना खाएं ताकि पानी के लिए जगह बची रहे। नियमित अंतराल पर फल, सूप, शिकंजी, पानी, मौसमी फलों का रस, ककड़ी, खीरा, तरबूज-खरबूज, सत्तू की लस्सी लें। दही ताजा ही उपयोग करें।

क्या न खाएं

खुला खाद्य या पेय पदार्थ, कटा फल, बासी भोजन, क्षमता से अधिक आहार, अत्यधिक तेल-मसाला, फास्ट फूड।   

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