आस्था अपार, गंगा मइया की जय-जयकार

वाराणसी : काशी की मस्ती और फक्कड़पन दुनिया भर में मशहूर है। माना जाता है कि यहां जो भी आता है, वह इसक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Mar 2017 01:58 AM (IST) Updated:Wed, 29 Mar 2017 01:58 AM (IST)
आस्था अपार, गंगा मइया की जय-जयकार
आस्था अपार, गंगा मइया की जय-जयकार

वाराणसी : काशी की मस्ती और फक्कड़पन दुनिया भर में मशहूर है। माना जाता है कि यहां जो भी आता है, वह इसकी मस्ती का दीवाना हो जाता है। ऐसा नजारा एक बार फिर मंगलवार की शाम देखने को मिला जब जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप के सदस्य दुनिया भर के वित्तीय अर्थव्यवस्था पर दिनभर चर्चा करने के बाद शाम 6.52 बजे दशाश्वमेध घाट पर पहुंचे। जैसे ही मेहमानों का आगमन हुआ, आस्था और ऐतिहासिकता समेटे गंगा आरती का भी शुभारंभ हो गया।

तीन बजड़े पर सवार करीब 100 मेहमानों के बीच भव्य आरती को लेकर उत्सुकता बनी रही। आरती गीत की पंक्तियों संग मेहमानों का उल्लास और उत्साह भी हिलोरें ले रहा था। पहले तो शांत भाव से आरती का सभी ने दीदार किया लेकिन जैसे-जैसे आरती बढ़ती गई, मेहमान खड़े होते गए। इस विहंगम दृश्य को किसी ने मोबाइल में कैद किया तो किसी ने कैमरे में। लगभग 40 मिनट की आरती में अधिकतर सदस्यों ने हाथ जोड़कर और आंख बंदकर ध्यान किया। जब कोई हर-हर महादेव का उद्घोष करता तो ये सभी लोग एक साथ उद्घोष में साथ देते। तालियों की गड़गड़ाहट में भी सभी ने सहभागिता दिखाई। आरती के प्रति उत्सुकता पूरे समय तक बरकरार रही। आरती के समापन से चंद मिनट पहले सभी मेहमान बजड़े से ही राजघाट के लिए प्रस्थान कर गए। यहीं से सड़क मार्ग से होटल दी गेटवे चले गए।

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आरती स्थल का बदला-बदला नजारा

गंगा सेवा निधि द्वारा आरती का पूरा आयोजन किया गया। हालांकि यह देखने में आता है कि जब-जब अति विशिष्ट मेहमान आते हैं, आरती में शरीक होते हैं, उन्हें सम्मानित भी किया जाता है लेकिन इस बार बजड़े पर ही मेहमानों के रहने से नजारा बदला-बदला दिखा। सामान्यत: खास मेहमान आने पर आरती स्थल सजाया जाता है लेकिन इस बार आरती स्थल की साज-सज्जा भी फीकी दिखी।

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20 मिनट देर से शुरू हुई आरती

मेहमानों के विलंब से आने के चलते आरती लगभग 20 मिनट की देरी से शुरू हुई। सामान्य तौर पर शाम सवा छह बजे के बाद आरती शुरू हो जाती है लेकिन मंगलवार की शाम 6.52 पर आरती शुरू हुई। इसके चलते स्थानीय सैलानियों को भी काफी इंतजार करना पड़ा।

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तीन बजड़ों से 50 घाटों का भ्रमण

सभी विदेशी मेहमान तीन बजड़े पर सवार होकर राजघाट से निकले और लगभग 50 घाटों का भ्रमण करते हुए दशाश्वमेध घाट पर पहुंचे। इस दौरान किसी ने घाटों की खूबसूरती को निहारा तो किसी ने उसे मोबाइल में कैद किया। यात्रा को पूरा करने में 30 मिनट से भी ज्यादा लग गया। इस दौरान पर्यटन विभाग के विकास नारायण, नितिन कुमार, प्रिया सिंह, दिव्या तिवारी, मीनाक्षी यादव मौजूद थीं।

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