होम एक्जामिनेशन का कमाल, 'ए-वन' का धमाल

जागरण संवाददाता, वाराणसी : सीबीएसई 10वीं में बच्चों की पढ़ाई संग खेलकूद समेत अन्य गतिविधियों ने छा

By Edited By: Publish:Fri, 29 May 2015 01:22 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2015 01:22 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, वाराणसी : सीबीएसई 10वीं में बच्चों की पढ़ाई संग खेलकूद समेत अन्य गतिविधियों ने छात्र-छात्राओं की ग्रेडिंग में चार चांद लगाया। लिखित परीक्षा में ए2 ग्रेड पाने वाले छात्र अन्य गतिविधियों में अच्छा कर ए1 ग्रेड पाने में सफल रहे।

इस वर्ष भी शिक्षण संस्थाओं में 10 सीजीपीए (कमोनेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज) पाने वाले छात्रों की संख्या अधिक रही। खेलकूद व अन्य गतिविधियों में आगे रहने वाले छात्रों को इस परीक्षा में खासा फायदा मिला। फार्मेटिव असेसमेंट (खेलकूद समेत अनेक गतिविधियां) में अच्छे ग्रेड लाने के चलते शैक्षणिक परीक्षा की भी ग्रेडिंग बढ़ी। रिजल्ट में सीबीएसई ने विधिवत स्टार अंकित कर इसकी जानकारी भी छात्रों को दी। इस बार भी ग्रेडिंग के आधार पर सीबीएसई ने दो विषयों में एक ग्रेड देने की व्यवस्था की थी। इसका लाभ बहुतेरे छात्रों को मिला।

सीबीएसई की ओर से जारी परीक्षा परिणाम में ए1, ए2, बी1, बी2 आदि ग्रेड दर्ज है। इस ग्रेड में लिखित परीक्षा के साथ ही फार्मेटिव असेसमेंट के अंक भी शामिल हैं। परीक्षा परिणाम में सह शैक्षणिक गतिविधियों को दूसरे भाग में दर्ज किया गया है। इसमें ए, ए प्लस , बी, बी प्लस आदि ग्रेड दिए गए हैं। सीबीएसई के फार्मूले के अनुसार ए प्लस ग्रेड के पांच, ए के चार, बी प्लस के तीन, बी के दो, सी के एक व डी के शून्य अंक हैं। इसमें लगभग नौ गतिविधियां शामिल की गई हैं। जानकारों का कहना है कि इनके अधिकतम 40 अंक होते हैं। परीक्षा परिणाम के तीसरे भाग में खेल व अन्य गतिविधियों को शामिल किया गया है। इसमें ए प्लस, बी आदि ग्रेड दिए गए हैं। इसमें अधिकतम तीन अंक (ए प्लस) निर्धारित है। इस प्रकार इस भाग में कुल 12 अंक है। दूसरे व तीसरे भाग को मिलाकर कुल अधिकतम 52 अंक निर्धारित हो रहे हैं। नियमों के अनुसार इन दोनों भागों में 30-42 अंक तक पाने वाले छात्र को दो विषयों में 17- 29 अंक पाने वाले को एक विषय में एक ग्रेड बढ़ा दिया जाता है यानि अगर किसी विषय में छात्र को बी2 ग्रेड है तो उसे बढ़ा कर बी1 कर दिया जाता है। सीबीएसई ने नियमों को फायदा जिन विषयों में दिया है, उनमें स्टार लगाकर चिह्नित भी कर दिया है। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर व डालिम्स रोहनिया के प्रधानाचार्य वीके मिश्र ने कहा कि अब विद्यार्थियों को छात्रों के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंक के साथ ही बच्चे की थिंकिंग स्किल, सोशल स्किल, इमोशनल स्किल, स्कूल में छात्र का व्यवहार, शिक्षकों के साथ संबंध, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी, वैल्यू सिस्टम, खेलकूद प्रतियोगिता, सृजनात्मक व रचनात्मक कार्य, वैज्ञानिक अभिरुचि सहित अन्य गतिविधियों के अलावा बच्चे के साथ अभिभावकों का व्यवहार आदि पर अंक मिलते हैं। इसके पीछे बोर्ड की यही मंशा है कि बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं तो ऐसा नहीं कि वह किसी अन्य क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन नहीं कर सकते। ग्रेडिंग के बाद अभिभावकों को बच्चे का गंभीरता से मूल्यांकन करना चाहिए।

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