47 करोड़ के सीवरेज प्लांट से बदल जाएगी सिटी ड्रेन की सूरत

संवाद सूत्र अचलगंज पांच दशक से सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक के करीब 30 गांवों के लिए अभिशाप बनी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 11:40 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 11:40 PM (IST)
47 करोड़ के सीवरेज प्लांट से बदल जाएगी सिटी ड्रेन की सूरत
47 करोड़ के सीवरेज प्लांट से बदल जाएगी सिटी ड्रेन की सूरत

संवाद सूत्र, अचलगंज: पांच दशक से सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक के करीब 30 गांवों के लिए अभिशाप बनी सिटी ड्रेन जिसे यहां गंदा नाले के नाम से पुकारते है का उद्धार हो रहा है। अब 47 करोड़ से बन रहे सीवरेज प्लांट से निकलने वाले पानी से खेत की सिचाई हो सकेगी।

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत इसके पानी को पूरी तरह से साफ करके छोड़ा जाएगा जो किसानों की सिचाई के उपयोग में आएगा। आजाद मार्ग के दसवें किमी पर इसे टेप कर डकारी (गंगा घाट) में 47 करोड़ की लागत से बन रहे सीवरेज प्लांट में पानी का शोधन होगा। ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को साफ कर बंथर गांव के निकट पुन: ड्रेन के जरिए पूरी तरह से स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त होकर पानी घसिलपुरवा में गंगा में गिरेगा। गौरतलब है कि शराब मिल अकरमपुर (उन्नाव) से निकलने वाली सिटी ड्रेन में मगरवारा, गहिरा बंथर की चर्म इकाइयों, टेनरियों व केमिकल कल कारखानों से छोड़ा जाने वाला विषाक्त पानी गिरता रहा है। इससे फसले तबाह होती रही है और क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित होता आ रहा है। हालांकि केंद्र व प्रदेश सरकारों ने संचालित इकाइयों को अपने यहां स्थापित ट्रीट मेंट प्लांट में छोड़े जाने पानी को साफ कर ही छोड़े जाने के निर्देश है। वहीं गहिरा में भी संयुक्त ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये पानी को साफ कर सिटी ड्रेन में बहाने के निर्देश हैं। इसके बावजूद भी सिटी ड्रेन प्रदूषण से उबर न सकी निकलने वाला काला पानी सीधे इसमें छोड़े जाने के सिस्टम पर अंकुश नहीं लग पाया है। नमामि गंगे प्रॉजेक्ट के तहत कानपुर रिवर ट्रीटमेंट कंपनी लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट का टेंडर 2019 में मिला था। एक वर्ष से काम चल रहा है और 31 दिसम्बर 2021 में काम पूरा हो जाएगा। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इसके लिए नहर विभाग द्वारा कर्मी बिझलामऊ ग्राम पंचायत की भूमि उपलब्ध करायी गयी है।

-------

फसल डूबने की संभावना नहीं

- प्रोजेक्ट प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बनने वाले डंप टैंक की बालू मिली भूमि से 15 एक इंच पानी निकलने वाले सबमर्सिबल लगे हैं। इनसे निकलने वाले पानी से कोई भी फसल डूबी नहीं है न ही डूबने की संभावना है।

chat bot
आपका साथी