मूलनिवासियों का आजादी आंदोलन जारी है

सुल्तानपुर : भारत की आजादी का आंदोलन कुछ खास वर्गो का था, जो 1947 में समाप्त हो गया। मूलनिवासी बहुजन

By Edited By: Publish:Mon, 29 Sep 2014 09:03 PM (IST) Updated:Mon, 29 Sep 2014 09:03 PM (IST)
मूलनिवासियों का आजादी आंदोलन जारी है

सुल्तानपुर : भारत की आजादी का आंदोलन कुछ खास वर्गो का था, जो 1947 में समाप्त हो गया। मूलनिवासी बहुजन समाज के आजादी का आंदोलन अभी जारी है। यह बातें बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कही। वे सोमवार को भारत मुक्ति मोर्चा व बामसेफ के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।

शहर के तिकोनिया पार्क में आयोजित मंडलीय अधिवेशन का उद्घाटन सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र यादव ने किया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.नफीस अहमद व एसपी कुटार और प्रदीप कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहाकि मूल निवासी बहुजन समाज के लोगों के लिए आजादी का आंदोलन 1848 में माननीय ज्योतिबाराव फुले ने शुरू किया था, जो आज भी चल रहा है। आजादी के तत्कालीन समय में दलित, अन्य पिछड़ा व मुस्लिम समाज के अनेक नेताओं जैसे सरदार मौलाना पटेल, अबुल कलाम आजाद, डॉ.भीमराव अंबेडकर आदि ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें व उनके अनुयाइयों को सामाजिक व आर्थिक रूप से आजादी नहीं मिल पाई। आज भी गरीब, पिछड़ा व मजलूम तबका अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहा है। जब तक सर्वजन समाज को भी बराबर का हिस्सा व अधिकार नहीं मिल जाता तब तक मूलनिवासियों की जंग-ए-आजादी जारी रहेगी। कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रो.रतन सिंह ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहाकि स्वच्छता अभियान से आतंकवाद, दुराचार, छुआछूत, महंगाई नहीं मिटेगी। अनीता राव ने कहाकि महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने में सावित्री बाई फुले ने जो भूमिका निभाई उसके लिए हम जीवन पर कर्जदार रहेंगे। अपनी आजादी के लिए महिलाओं को आगे आना चाहिए। आभारी रहेंगे। अधिवेशन को नफीस अहमद, उर्मिला वर्मा, सूफिया खातून, आलोक भास्कर, अशोक भीम, विनोद गौतम, महेश बौद्ध व केके भीम ने भी संबोधित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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