मां भगवती का किया श्रृंगार, आ गई विदाई की बेला

सीताकुंड घाट पर विसर्जन की तैयारियां पूरी हुईं। पुलिस व प्रशासन के अफसरों ने विसर्जन स्थल का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 01:00 AM (IST)
मां भगवती का किया श्रृंगार, आ गई विदाई की बेला
मां भगवती का किया श्रृंगार, आ गई विदाई की बेला

सुलतानपुर : जिले का अनूठा दुर्गापूजा महोत्सव अब समापन की ओर है। शुक्रवार को दिनभर देवी भगवती की विदाई के लिए समस्त अनुष्ठान पूरे करने में श्रद्धालु जुटे रहे। पंडालों में हवन-पूजन के बाद लोक परंपरा के अनुसार मां का श्रृंगार हुआ। नम आंखों से महिलाओं ने मां का कोंछा पूजा। विदाई स्वरूप प्रतीकात्मक श्रृंगार का सामान व कोछे में चावल प्रदान किया। उधर, प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन को लेकर तैयारियों की समीक्षा की। पूजा व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों के साथ पुलिस-प्रशासन के अफसरों सीताकुंड स्थित विसर्जन स्थल का निरीक्षण किया।

विसर्जन के लिए बना कुंड :

शनिवार को होने वाले दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। विसर्जन के लिए कुंड बनाया गया है। हैं। गोमती नदी में प्रतिमाएं न विसर्जित होने पाए इसके लिए प्रशासन ने नदी के किनारों पर बैरीकेडिग कर रखी है। प्रतिमाओं के गुजरने वाले मार्ग के रूटचार्ट तय कर दिए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

सैकड़ों लोगों ने किया प्रसाद ग्रहण :

बंधुआकला में सजी देवी प्रतिमाओं के सामने गुरुवार की रात वृहद भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजक सर्वेश सिंह ने बताया कि शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया। उन्होंने बताया कि भंडार शाम सात बजे से शुरू होकर देर रात तक चला।

कब समाप्त हो गई दुर्गापूजा, पता ही नहीं चला : कोरोना संक्रमण के चलते इस बार दुर्गापूजा महोत्सव का कब आगाज हुआ और कब विदाई की बेला आ गई पता ही नहीं चला। विगत वर्षों में प्रतिदिन हजारों लोग नगर की सड़कों पर उमड़ते थे वहीं इस बार सैकड़ा भर लोग भी नहीं दिखे। महोत्सव में केवल औपचारिकता पूरी की गई।

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