अपडेट---प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है हसनपुर रियासत

संवादसूत्र, अलीगंज (सुलतानपुर) : वर्ष 1857 के पहले जंग-ए-आजादी में दूबेपुर ब्लॉक की हसनपुर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 10:40 PM (IST)
अपडेट---प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है हसनपुर रियासत
अपडेट---प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है हसनपुर रियासत

संवादसूत्र, अलीगंज (सुलतानपुर) : वर्ष 1857 के पहले जंग-ए-आजादी में दूबेपुर ब्लॉक की हसनपुर रियासत की अहम भूमिका थी। आजादी के दीवाने इस रियासत के लोग अंग्रेज सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे। यही रियासत मौजूदा वक्त अमहट ग्राम सभा के रुप में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को संजोए हुए है। 26 पुरवों वाली यह ग्राम पंचायत आबादी व क्षेत्रफल के लिहाज से जिले की सबसे बड़ी मानी जाती है। यहां की आबादी करीब पचीस हजार है। इस गांव में सभी समुदाय के लोग आबाद हैं।

25 वार्ड में तकरीबन 10,000 मतदाताओं को समेटे हसनपुर की जिले में अलग पहचान है। यह पहले नरवलगढ़ के नाम से जाना जाता था। 1857 के जंग के बाद जब पौने दो साल के लिए आजादी मिली थी, तब अवध के निजाम मेहंदी हसन खान ने हसनपुर को ही सत्ता का केंद्र बनाया था। हसनपुर राजघराने के राजा हुसेन अली का स्वाधीनता आंदोलन में बड़ा योगदान था। शेरशाह शूरी भी यहां 19 दिन अपने लवलश्कर के साथ ठहरा था। इसी राजघराने के वंशज राजा मसूद अली खान ने यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए कई एकड़ जमीन भी दान में दी है।

यह है खूबी

इस ग्राम सभा में राजस्व गांव हरदासपुर व हसनपुर शामिल है। ¨सचाई के लिए 6 राजकीय नलकूप हैं। सांसद वरुण गांधी के प्रयास से लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग से हसनपुर ग्रामसभा होते हुए ब्लॉक मुख्यालय कुड़वार को जाने वाली सड़क का निर्माण हुआ। यह ग्राम सभा अब कस्बे का रूप ले चुकी है। इसमें 4 प्राइमरी स्कूल, दो जूनियर हाई स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र एवं इंटर तक आश्रम पद्धति विद्यालय भी संचालित है। पोस्ट ऑफिस, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी है। हसनपुर रियासत के प्रवेश द्वार का बुर्ज रियासत की संपन्नता की दास्तां खुद बयां करता है। -यह हो तो बने बात

लखनऊ-वाराणसी रेलमार्ग पर हसनपुर गुमटी व लोधेपुर क्रॉ¨सग पर ग्रामवासी कई सालों से ओवरब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। 1857 की जंग में शहीद हुए हसन खां के मकबरे का सुंदरीकरण तथा शहीद स्मारक बनाने और यहां का किला जो स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है, खंडहर में तब्दील हो रहा है उसे संरक्षित करने की मांग लोगों की है। पशु अस्पताल, पानी की टंकी तथा एक बालिका इंटर कॉलेज की स्थापना का सपना लोग संजोए हैं।

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इन पर है नाज

स्व.रियासत रजा अली खान लगातार 25 साल तक प्रधान रह चुके हैं। शिवराम तिवारी 5 बार बंधुआ सहकारी समिति के सभापति रह चुके हैं तथा पूर्व में बीडीसी भी रहे हैं। इसके अलावा स्व.लालबहादुर पांडेय थल सेना में कैप्टन थे।

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वर्तमान प्रधान रवाब बानों पत्नी बाबू खां का कहना है कि ग्रामसभा को खड़ंजा नाली निर्माण, खराब हैंडपंपों की मरम्मत, वृद्धा विधवा व विकलांग पेंशन, स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट आदि से ग्राम सभा को संतृप्त किया जा रहा है। विकास को गति दी जा रही है। -पूर्व प्रधान इंद्र नारायण तिवारी के मुताबिक ग्राम सभा में मौजूद समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण होना चाहिए। जिम्मेदारों को यहां की जर्जर सड़कों, जलनिकासी प्रबंधन व निराश्रित लोगों को मदद करने की दिशा में सोचना चाहिए।

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