डीपीओ-बीडीओ समेत नौ फंसे

सुल्तानपुर : सरकारी योजनाओं में घालमेल का ऐसा उदाहरण कम ही देखने को मिलेगा, जहां एक विवाहिता को विधव

By Edited By: Publish:Tue, 25 Nov 2014 09:39 PM (IST) Updated:Tue, 25 Nov 2014 09:39 PM (IST)
डीपीओ-बीडीओ समेत नौ फंसे

सुल्तानपुर : सरकारी योजनाओं में घालमेल का ऐसा उदाहरण कम ही देखने को मिलेगा, जहां एक विवाहिता को विधवा पेंशन लेती रही। जिम्मेदारों की लापरवाही का यह मामला कूरेभार थानाक्षेत्र के चंदौर गांव का है। जहां प्रधान के प्रस्ताव पर अफसरों ने जांच की और महिला को विधवा बताकर हजारों रुपये भुगतान कर दिया। शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो एक ग्रामवासी ने अदालत में प्रार्थनापत्र दिया। सीजेएम परवेज अहमद ने मामले को संज्ञेय अपराध मानते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी, एएनएम व ग्राम प्रधान सहित नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

धनपतगंज ब्लॉक के चंदौर निवासी नरेंद्र गुप्ता ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र देकर आरोप लगाया है कि उनके गांव की सुधरा पत्‍‌नी रामकृपाल कई वर्षो से विधवा पेंशन ले रही हैं। जबकि उसके पति जीवित हैं। गुप्ता का कहना है कि पेंशन भुगतान के लिए तत्कालीन ग्राम प्रधान ने प्रस्ताव पारित किया था। एएनएम नें रामकृपाल का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया था। तब के ग्राम विकास अधिकारी शिवराम व सहायक समाज कल्याण अधिकारी हरिवंश सिंह ने जांच की थी। खंड विकास अधिकारी ओमप्रकाश यादव की संस्तुति पर तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने विधवा पेंशन स्वीकृत की थी और उनके कार्यालय के लिपिक अजय कुमार ने भुगतान किया था। उनका यह भी कहना है कि मामले की शिकायत मंडलायुक्त से की गई तो मामला सही पाया गया। अधिकारियों ने पेंशन भुगतान तो बंद कर दिया, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। सीजेएम ने थाने से आख्या तलब की तो कोई प्राथमिकी न दर्ज होने की रिपोर्ट आई। प्रकरण को गंभीर जालसाजी व धोखाधड़ी का संज्ञेय अपराध मानते हुए अदालत ने कूरेभार थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए।

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