निमोनिया का कहर, 72 घंटे में तीन बच्चों की मौत
तहसील मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों नवजात बच्चों पर निमोनिया का कहर टूटने लगा है। बीते 72 घंटे में क्षेत्र के अलग अलग गांवों में तीन मासूमों की मौत हो गई।
जासं, दुद्धी (सोनभद्र): तहसील मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों बच्चों पर निमोनिया का कहर टूटने रहा है। गत 72 घंटे में क्षेत्र के अलग अलग गांवों में तीन मासूमों की मौत हो चुकी है। इससे समूचे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है जबकि स्वास्थ्य महकमे ने इस मामले से इन्कार करते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने वाले पीड़ित बच्चों को भरसक कोशिश कर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ितों का कहना है कि सीएचसी में योग्य चिकित्सक एवं दवाओं का अभाव होने के कारण मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार गत 72 घंटे के अंदर निमोनिया की चपेट में आने तीन बच्चों की मौत हो गई है। इसमें से अर्जुन (तीन माह) पुत्र देवबाबू निवासी बभनी की मौत दुद्धी अस्पताल में हुई है जबकि दो अन्य बच्चों की मौत अस्पताल परिसर से बाहर होने की बात बताई जा रही। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दो दिनों में दुद्धी अस्पताल से निमोनिया से पीड़ित तीन बच्चों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है जबकि एक बच्चे को अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
इस बाबत अस्पताल के चिकित्सक डा. विनोद कुमार ने बताया कि दुद्धी सीएचसी में अधिकतर मरीज म्योरपुर एवं बभनी ब्लाक क्षेत्र से आ रहे हैं। जो बच्चे आ रहे हैं उनकी स्थिति बेहद नाजुक होती है। इसके पीछे कारण बताया कि सुदूरवर्ती गांवों के ग्रामीण आसपास के नीम हकीमों से इलाज कराकेकेस को बिगाड़ने के बाद आते हैं। इससे उनकी स्थिति बिगड़ जाती है। इसके बावजूद अस्पताल तक आने वाले मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाती। उपलब्ध संसाधन में उनका इलाज करने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उसे बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है।