बिजली उत्पादन से प्रदूषण कम करने की कवायद

पिछले वर्ष प्रदूषण सम्बन्धी कारणों के कारण छह इकाइयों को बंद करने के बाद उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम अपनी सबसे सस्ती बिजली पैदा करने वाली इकाइयों को बचाने के लिए गंभीर दिख रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 08:44 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 08:44 AM (IST)
बिजली उत्पादन से प्रदूषण कम करने की कवायद
बिजली उत्पादन से प्रदूषण कम करने की कवायद

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पिछले वर्ष प्रदूषण संबंधी कारणों से छह इकाइयों को बंद करने के बाद उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम अपनी सबसे सस्ती बिजली पैदा करने वाली इकाइयों को बचाने के लिए गंभीर दिख रहा है। प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली देने वाली अनपरा अ और ब तापघर की पांच इकाइयों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडीएस) प्रणाली स्थापित करने को अंतिम स्वीकृति दे दी है। निगम के निदेशक मंडल की पिछली बैठक में इस योजना को अनुमोदित किया गया है। पिछले कई वर्षों से यह योजना प्रस्तावित थी। प्रदूषण की रोकथाम के लिए केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कई मानक तय करने का बड़ा असर बिजली उत्पादन पर पड़ रहा है। पर्यावरण के नए मापदंडों के अनुसार 25 साल से अधिक पुराने ताप बिजली घरों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडीएस) प्रणाली लगाना अनिवार्य कर दिया गया है अन्यथा इन बिजली घरों को बंद करना पड़ेगा। प्रदूषण संबंधी कारणों से कई इकाइयों की बंदी से सतर्क हुए निगम ने कई पुरानी इकाइयों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन प्रणाली लगाने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष ही छह नान रिहीट इकाइयों को बंद करने के बाद उत्पादन निगम अब कई अन्य इकाइयों से हो रहे प्रदूषण को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है। नान रिहीट इकाइयों में कोयले की खपत ज्यादा होती है जिससे प्रदूषण ज्यादा होने के साथ ऊर्जा ह्रास भी ज्यादा होता है।

अनपरा की पांच इकाइयों में एफजीडीएस प्रणाली

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देश पर उत्पादन निगम ने अनपरा अ तापघर की 210 मेगावाट वाली तीन इकाइयों और ब तापघर की 500 मेगावाट वाली दो इकाइयों मे ं एफजीडी की स्थापना एवं परामर्शी सेवा पर होने वाले व्यय 873.38 करोड़ रुपये की कार्य योजना का अनुमोदन प्रदान किया है। उक्त कार्ययोजना की लागत 873.38 करोड़ रुपये के 70 प्रतिशत 617.37 करोड़ का प्रबंध संस्थागत वित्त से तथा 30 प्रतिशत 262.01 करोड़ की राशि शासकीय पूंजी से वित्त पोषित किए जाने का अनुमोदन किया गया है। इससे पहले हरदुआगंज के 250 मेगावाट वाली दो इकाइयों, परीछा के 210 एवं 250 मेगावाट वाली दो-दो इकाइयों में एफजीडी की स्थापना एवं परामर्शी सेवा पर होने वाले व्यय 145.90 करोड़ रुपये की कार्य योजना का अनुमोदन प्रदान किया था।निदेशक मंडल के अनुमोदन के बाद बंदी की संभावना झेल रही इकाइयों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।

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