मांग में कमी पर घटाना पड़ा 20 फीसद उत्पादन

पीक आवर में बिजली की मांग में हुई आंशिक वृद्धि के बाद ताप और जल विद्युत की ज्यादातर इकाइयों को चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Dec 2018 06:48 PM (IST) Updated:Tue, 11 Dec 2018 06:48 PM (IST)
मांग में कमी पर घटाना पड़ा 20 फीसद उत्पादन
मांग में कमी पर घटाना पड़ा 20 फीसद उत्पादन

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : पीक आवर में बिजली की मांग में हुई आंशिक वृद्धि के बाद ताप और जल विद्युत की ज्यादातर इकाइयों को चलाया जा रहा है। अनपरा, ओबरा, परीछा, हरदुआगंज के अलावा निजी सेक्टर की इकाइयों से मांग के अनुसार बिजली ली जा रही है। फिलहाल मंगलवार को दिन में बिजली की मांग में कमी की वजह से कई इकाइयों के उत्पादन को घटाना पड़ा है।

उत्पादन निगम की सभी परियोजनाओं की इकाइयों से 20 फीसदी तक उत्पादन घटाया गया। सबसे ज्यादा अनपरा से लगभग 400 मेगावाट तक उत्पादन कम करना पड़ा।  हालांकि  सोमवार रात को प्रदेश के कई हिस्सों में हुई हल्की बारिश के बाद संभावना है कि मांग में और बढ़ोतरी हो। फिलहाल पिछले तीन दिनों के दौरान प्रतिबंधित मांग में डेढ़ हजार मेगावाट से ज्यादा की वृद्धि हुई है। बीते पीक ऑवर के दौरान प्रतिबंधित मांग 13044 मेगावाट के करीब रही। मांग को देखते हुए पिपरी और जल विद्युत की इकाइयों से 180 मेगावाट उत्पादन कराया गया। हांलाकि रिहंद के जलस्तर को देखते हुए जल विद्युत की इकाइयों को निरंतर चलाना मुश्किल है लेकिन देश में सबसे सस्ती बिजली उत्पादन के कारण पिपरी और ओबरा जल विद्युत की इकाइयों को चलाया जा रहा है। सोमवार रात को कई क्षेत्रों में बारिश के बाद तापमान में कमी आई है जिसके कारण आने वाले दिनों में बिजली की मांग में वृद्धि तय है। साथ ही घोषित कटौती का दौर भी शुरू हो सकता है। उत्पादन निगम की इकाइयों से 3876 मेगावाट उत्पादन 

मंगलवार को बिजली की मांग में अचानक आई कमी को देखते हुए कुल उत्पादन कम करना पड़ा। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की इकाइयों से 3876 मेगावाट के करीब उत्पादन हो रहा था। जिसमें अनपरा से 2012 मेगावाट, हरदुआगंज से 547 मेगावाट, ओबरा से 390 मेगावाट तथा परीछा से 925 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा निजी सेक्टर की इकाइयों से 5776 मेगावाट के करीब उत्पादन हो रहा था।

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