जिले के 70 फीसद ताल-तलैया सूखने के कगार पर

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वर्ष 2017 में औसत से करीब 32 फीसद कम बारिश का खामियाजा इस बार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Jan 2018 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 17 Jan 2018 09:50 PM (IST)
जिले के 70 फीसद ताल-तलैया सूखने के कगार पर
जिले के 70 फीसद ताल-तलैया सूखने के कगार पर

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वर्ष 2017 में औसत से करीब 32 फीसद कम बारिश का खामियाजा इस बार जिले के लोग फरवरी माह से ही भुगतने लगेंगे। इसके लक्षण अभी से दिखने लगे हैं। आलम यह है कि जिले के करीब सत्तर फीसद ताल-तलैया सूखने के कगार पर हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में ¨सचाई तो दूर पेयजल के लिए पानी की व्यवस्था करना हर किसी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। जिले में सबसे ज्यादा पानी का संकट घोरावल, दुद्धी व म्योरपुर विकास खंड क्षेत्रों में दिख रहा है।

वर्ष 2017 में मानसून सत्र के दौरान जिले की औसत वर्षा करीब 32 फीसद कम रही। इस वजह से धान की खेती भी प्रभावित हुई। कम बारिश का नतीजा हुआ कि यहां के ताल-तलैया सभी पूरी तरह से भर नहीं पाए। मानसून के बाद जिले में बिल्कुल ही बारिश नहीं हुई। ऐसे में भू-गर्भ जल स्तर खिसकने लगा। अब स्थिति यह हो गई है कि जिले के कई गांवों में हैंडपंप पानी छोड़ने लगे हैं। हालांकि इन हैंडपंपों में पाइप बढ़ाकर पानी की व्यवस्था की जा रही है। जिले के बंधी प्रखंड से जुड़े अधिकारियों की मानें तो यहां कुल 40 बंधियों की देखरेख की जाती है। इन बंधियों से पेयजल और ¨सचाई दोनों का इंतजाम है। इसमें से 12 बंधियों में तो ठीक-ठाक पानी है लेकिन शेष में पानी नहीं है। यानि 70 फीसद बंधियां सूखने की कगार पर है। कई में तो महज दो-चार दिन का ही पानी है। ऐसे में इन बंधियों से ¨सचाई की उम्मीद करना ही बेकार है। यहां के रवि ने बताया कि पिपडीह, फूलवार, दिघुल, बघाड़ू आदि गांवों में स्थित बंधियां सूखने के कगार पर हैं।

घोरावल में दिख रहा पानी का संकट

पेयजल की किल्लत से जनजीवन के साथ ही पशुओं को भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा। तहसील क्षेत्र के पहाड़ी हिस्से के गांव के लोगों को पेयजल के लिए अभी से परेशान होना पड़ रहा है। ब्लॉक के सैकड़ों गांव में पेयजल की समस्या शुरू हो गई है। हैंडपंपों ने जवाब देना शुरू कर दिया है। कुछ ग्राम प्रधानों की सक्रियता से सबमर्सिबल लगाकर पेयजल आपूर्ति गांव में कराई जा रही है। ब्लाक के कन्हारी, तेंदुआ, परसौना, घुवास, कड़िया, मुक्खा, लक्ष्मणपुर, भवना, विसुंधरी, केवटा, सिरसाई, खगिया, लिलवाही, गुरुवल, सतद्वारी, कोहरथा, शिवद्वार, बर्दिया समेत सैकड़ों गांव में पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने से पीने के पानी की समस्या बनने लगी है। जिसके चलते हैंडपंपों में पाइपों को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन सैकड़ों हैंडपंप पानी देना छोड़ दिये हैं। कहीं-कहीं पर पानी की कमी होने पर हैंडपंपों से पानी की बजाय मिट्टी युक्त गंदा पानी निकल रहा है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो आगामी महीने से भयंकर पेयजल किल्लत हो सकता है।

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