जल विद्युत की इकाइयों से उत्पन्न हुई ज्यादा बिजली

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) जल विद्युत घरों की ज्यादातर इकाइयों के चालू हालत में होने के कारण फिलहाल जलविधुत उत्पादन ठीक चल रहा है।रिहंद जलाशय के बीते मानसून के अधिकतम क्षमता तक नही पहुँच पाने के बावजूद इस बीते दिसम्बर माह में पिछले कई वर्षों से ज्यादा बिजली उत्पादन हुआ है।फिलहाल रिहन्द के जलस्तर के अपेक्षानुसार होने के कारण सबसे सस्ती बिजली मिलने में सहूलियत हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 05:37 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 09:18 PM (IST)
जल विद्युत की इकाइयों से उत्पन्न हुई ज्यादा बिजली
जल विद्युत की इकाइयों से उत्पन्न हुई ज्यादा बिजली

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : जल विद्युत गृहों की ज्यादातर इकाइयों के चालू हालत में होने के कारण फिलहाल जलविद्युत उत्पादन ठीक चल रहा है। रिहंद जलाशय के बीते मानसून के अधिकतम क्षमता तक नहीं पहुंच पाने के बावजूद बीते दिसंबर माह में पिछले कई वर्षों से ज्यादा बिजली उत्पादन हुआ है। फिलहाल रिहंद के जलस्तर के अपेक्षानुसार होने के कारण सबसे सस्ती बिजली मिलने में सहूलियत हो रही है।

वित्त वर्ष 2019-20 के मानसून सत्र में रिहंद डैम का अधिकतम जलस्तर 867.6 तक पहुंचा था। जो अधिकतम से पांच फीट कम था जिसके कारण जल विद्युत के लिए संकट की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन सितंबर के अंतिम और अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में हुई भारी बारिश ने रिहंद के जलस्तर में कई फीट की बढ़ोतरी कर दी। जिसका सीधा लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में देखने को मिल रहा है। तीसरी तिमाही के अंतिम माह दिसंबर में पिछले कई वर्षों की अपेक्षा ज्यादा बिजली पैदा हुई है। दिसंबर 2019 में जल विद्युत परियोजनाओं से प्रदेश को 129 मिलियन यूनिट बिजली मिली जो पिछले छह वर्षों में सबसे ज्यादा है। दिसंबर 2018 में 121 मियू, 2017 में 114.7 मियू, 2016 में 124 मियू, 2015 में 34.1 मियू तथा दिसंबर 2014 में 62 मियू उत्पादन जल विद्युत की इकाइयों से हुआ। चालू वर्ष में रिहंद और ओबरा की ज्यादातर इकाइयों के चालू हालात में होने को भी प्रमुख कारण माना जा रहा है। पिछले कई वर्षों के दौरान जल विद्युत की कई इकाइयों के आरएंडएम में होने से भी उत्पादन अपेक्षित तौर पर नही हुआ था। चालू जनवरी माह में ही 22 जनवरी तक 96 मियू से ज्यादा बिजली पैदा हो चुकी है। सबसे सस्ती बिजली बन रही

देश मे सबसे सस्ती बिजली पैदा करने के कारण जल विद्युत की इकाइयों को चलाने में प्रदेश सरकार कोई मौका नही छोड़ रही है। बीते दिसंबर में रिहंद के पिपरी जल विद्युत गृह से 76 पैसा प्रति यूनिट, ओबरा से 73 पैसा, माताटीला से 55 पैसा तथा खारा से 82 पैसा प्रति यूनिट बिजली पैदा हो रही है। जो फिलहाल देश में सबसे सस्ती है। पिछले वर्ष 23 जनवरी को रिहंद का जलस्तर 851.5 फीट था, जो वर्तमान में 856.9 फीट है। जिससे संभावना है कि मार्च तक जलविद्युत की इकाइयों से अपेक्षित उत्पादन जारी रह सकता है। समाचार लिखे जाने तक पिपरी की चार इकाइयों से 101 मेगावाट, ओबरा की दो इकाइयों से 57 मेगावाट तथा खारा जलविद्युत परियोजना की दो इकाइयों से 24 मेगावाट उत्पादन जारी था। अभी डेढ़ माह तक पर्याप्त पानी

जल विद्युत परियोजना इस बार रिहंद का जलस्तर विद्युत उत्पादन के अनुकूल है। फिलहाल पिपरी की चार इकाइयों से उत्पादन जारी है। अभी डेढ़ माह तक जल विद्युत उत्पादन के लिए रिहंद डैम में पानी पर्याप्त है।

- इ. संजय वर्मा, अधिशासी अभियंता, पिपरी।

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