तंबाकू सेवन करने वालों में कोरोना का संक्रमण अधिक

कोरोना वायरस का धूम्रपान व तंबाकू करने वालों पर ज्यादा असर होता है। अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में यह बात निष्कर्ष के रूप में सामने आयी है। पान मसाला खाने वाले और सिगरेट व तंबाकू वाले कोरोना पॉजिटिव रोगियों को लंबे इलाज की जरूरत पड़ रही है। धूम्रपान के आदी हो चुके लोग कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार बनने पर जल्दी ठीक नहीं हो रहे हैं। इसे देखते हुए डाक्टरों ने यह सलाह दी है कि अगर कोरोना वायरस से सुरक्षित रहना है तो धू

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 08:46 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:05 AM (IST)
तंबाकू सेवन करने वालों में कोरोना का संक्रमण अधिक
तंबाकू सेवन करने वालों में कोरोना का संक्रमण अधिक

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : धूम्रपान व तंबाकू खाने वालों पर कोरोना वायरस का ज्यादा असर होता है। अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में यह बात निष्कर्ष के रूप में सामने आई है। इन नशीले पदार्थो का सेवन करने वाले कोरोना पॉजिटिव रोगियों को लंबे इलाज की जरूरत पड़ रही है। वे जल्दी ठीक नहीं हो रहे हैं।

जिले के व्यापारियों की मानें तो अकेले तंबाकू का ही पांच करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसके अलावा सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुड़ाकु का भी तीन करोड़ रुपये से अधिक बिक्री हुई थी। आधे से कम हुई बिक्री

कोरोना महामारी को लेकर 24 मार्च हुए लॉकडाउन के बाद धूम्रपान व तंबाकू पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके चलते इसकी बिक्री बंद हो गई थी। हालांकि चोरी-छीपे बिक्री की जा रही थी। इस दो महीने के अवधि में दो करोड़ रुपये से भी कम कारोबार हुआ है। 50 फीसद दवा का कम होता है असर

धूम्रपान व तंबाकू का सेवन करने वालों की फेफड़े व सांस की नलियां कमजोर होती हैं। जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. पीबी गौतम के मुताबिक सामान्य बीमारियों में भी तंबाकू व पान मसाला वाले मरीजों में दवा का असर 50 फीसद घट जाता है। प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इसके उपयोग से मुंह का कैंसर, जीभ का कैंसर, मुंह में छाले, अल्सर, पेट में घाव, लीवर, गुर्दा आदि समस्याएं हो सकती है। धुंआ रहित तंबाकू से कैंसर जैसी बीमारी होती है।

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