विसर्जन में गई बालिका रेणुका नदी में डूबी, मौत

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) ओबरा थानान्तर्गत ग्राम पंचायत बिल्ली-मारकुंडी के खैरटिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:48 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:48 PM (IST)
विसर्जन में गई बालिका रेणुका नदी में डूबी, मौत
विसर्जन में गई बालिका रेणुका नदी में डूबी, मौत

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा थानान्तर्गत ग्राम पंचायत बिल्ली-मारकुंडी के खैरटिया टोला में रेणुका नदी में एक बालिका की डूबने से मौत हो गई। गुरुवार को दिन में 12 बजे के करीब तुलसी विवाह के उपरान्त कई बालिकाएं और बच्चे विसर्जन के लिए रेणुका नदी गए हुए थे। इस दौरान खैरेटिया निवासी प्रियंका (12) पुत्री हरिप्रसाद बहाव की चपेट में आ गई। अन्य बालिकाओं ने बताया कि प्रियंका बहाव के साथ एक भंवर की चपेट में आकर अपना नियंत्रण खो बैठी। विसर्जन के दौरान किसी बड़े व्यक्ति के न होने से प्रियंका की मदद नहीं हो पाई। प्रियंका के डूबने पर साथ गई अन्य लड़कियों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। जब तक कोई मदद के लिए पहुंचता तब तक प्रियंका पूरी तरह भंवर की चपेट में आ चुकी थी। आवाज सुनने पर एक ग्रामीण ने तत्काल नदी में छलांग लगाते हुए बड़ी मशक्कत के बाद प्रियंका को बाहर निकाला। अचेत अवस्था में उसे तत्काल ओबरा परियोजना चिकित्सालय लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजनों सहित गांव में मातम पसर गया। दरअसल, ओबरा जलविद्युत घर की चल रही इकाइयों के कारण रेणुका नदी में बहाव तेज होने के साथ सतह पर राख भी चलती रहती है। सतह पर लगातार होने वाले परिवर्तन के कारण भंवर बनती रहती है। इसके अलावा राख के कारण दलदल की स्थिति भी बनी रहती है। इसलिए कम गहरी होने के बावजूद रेणुका नदी अन्य नदियों से ज्यादा खतरनाक हो जाती है। जिस हिस्से में घटना घटी उस जगह पर दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले वर्ष नौ दिसंबर को इसी हिस्से में एक नाव डूब गई थी जिसमें दर्जनों सवार बह गये थे, जिसमें डूबने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। हालांकि तमाम घटनाओं के बावजूद अभी भी ग्रामीण अक्सर लापरवाही बरतते रहते हैं।

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