रिहंद में डूबने से हाथी के बच्चे की मौत

आखिर बच्चा तो बच्चा ही होता है चाहे वह इंसान का हो या फिर जानवर का। हर बच्चे के प्रति स्?नेह मां-बाप और परिवार के लोगों को होती ही है। बीजपुर क्षेत्र में कई दिनों से उत्पात मचाये हाथियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल बीजपुर से हाथियों के झुंड को जब शनिवार की रात में खदेड़ा गया तो करीब 13 हाथियों का झुंड अपने दो बच्चों के साथ रिहंद डैम की ओर बढ़ने लगा। डैम के किनारे सभी हाथी पानी पीने गए। इसी दौरान डैम में डूबने से एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई। मौत रविवार को दिन की ही बताई जा रही है। सोमवार को उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 05:44 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 09:40 PM (IST)
रिहंद में डूबने से हाथी के बच्चे की मौत
रिहंद में डूबने से हाथी के बच्चे की मौत

जागरण संवाददाता, बीजपुर (सोनभद्र): बच्चा तो बच्चा ही होता है, चाहे वह इंसान का हो या फिर जानवर का। हर बच्चे के प्रति स्नेह मां-बाप और परिवार के लोगों को होती ही है। बीजपुर क्षेत्र में कई दिनों से उत्पात मचाये हाथियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल, बीजपुर से हाथियों के झुंड को जब शनिवार की रात में खदेड़ा गया तो करीब 13 हाथियों का झुंड अपने दो बच्चों के साथ रिहंद डैम की ओर बढ़ने लगा। डैम के किनारे सभी हाथी पानी पीने गए। इसी दौरान डैम में डूबने से एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई। मौत रविवार को दिन की ही बताई जा रही है। सोमवार को उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया।

इस घटना के बाद हाथियों का झुंड मृत बच्चे के शरीर के पास ही मंडराता रहा। कई हाथी करीब 12 घंटे तक उसे घेरकर खड़े रहे। इस बीच हाथी एक विशेष तरह की आवाज भी निकाल रहे थे। इस वजह से आसपास के इलाके में दहशत इतनी ज्यादा हो गई थी कि आम जनता तो क्या पुलिस और वन विभाग के लोग भी नजदीक जाने में कतराने लगे। करीब 12 घंटे के बाद रविवार की रात में जब हाथियों का झुंड वहां से आगे बढ़ा तो वन कर्मियों ने मौके पर जाकर देखा वहां एक हाथी का बच्चा मृत पड़ा था। वन विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो डूमरचुआ के पास रिहंद डैम तट पर पहुंचे हाथी पानी में कूद पड़े। उसमें एक बच्चा भी था जो लगभग 20 से 25 दिन का ही होगा वह गहरे पानी में चला गया। सोमवार की सुबह वन कर्मियों ने शव को कब्जे में लेकर दुद्धी पशु चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया।

हो चुकी हैं कई घटनाएं

करीब एक महीने से जिले के बभनी क्षेत्र में हाथियों का उत्पात चल रहा है। बभनी के डुमरहर गांव में एक व्यक्ति को हाथियों के झुंड ने मारा भी है। वहीं उनके हमले में दो लोग घायल भी हुए थे। दर्जनों लोगों के आशियाने गिराए, 50 से अधिक लोगों की फसलों को बर्बाद किया। फिलहाल हाथियों का झुंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे जंगलों में है, वन विभाग की टीम लगातार हाथियों की गतिविधि पर नजर रखे हुए है। अधिकारियों का लगा जमावड़ा

बीजपुर : हाथी के बच्चे की मौत की खबर से अधिकारी सकते में आ गए और आनन फानन में मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिए। प्रभागीय वनाधिकारी रेनुकूट एमपी सिंह, एसडीओ कुंज बिहारी वर्मा, रेंजर म्योरपुर, बभनी, बीजपुर लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हाथियों की हर एक गतिविधियों का संज्ञान लेकर विभाग के कर्मचारियों को सचेत कर सावधान रहने की हिदायत दी गई। वहीं बीजपुर पुलिस भी हाथियों पर नजर बनाए हुए है। जरहां वन रेंज के क्षेत्राधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि हाथियों को वापस इनके छत्तीसगढ़ स्थित सेंचुरी एरिया जहां हाथियों के झुंड रहते हैं वहां तक भेजने के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग की मदद ली जाएगी। वहां के अधिकारियों से बात हुई है। तीन चिकित्सकों ने किया पोस्टमार्टम

बीजपुर : वन क्षेत्र जरहा के डूमरचूआ के पास रिहंद डैम में डूबने की वजह से हुई हाथी के बच्चे की मौत के बाद सोमवार की दोपहर पिपरी पशु चिकित्साधिकारी के चिकित्सक मनीष कुमार मौर्य, म्योरपुर के चिकित्सक डा. विवेक सरोज व बीजपुर के पशु चिकित्सक हेमंत कुमार ने अंजानी स्थित वन बैरियर पर पोस्टमार्टम किया। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चा 20 से 25 दिन पहले का है। बच्चे की मौत कैसे हुई असली जानकारी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगी। हाथियों को खदेड़ने के लिए विशेष टीम

करीब एक महीने से इलाके में उत्पात मचाए हाथियों के झुंड को खदेड़ने के लिए अब जल्द ही छत्तीसगढ़ से विशेष टीम आएगी। जरहां रेंज के रेंजर दिनेश कुमार ने बताया कि हाथियों को खदेड़ने के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग से बात की गई है। वहां से आश्वासन मिला है कि एक्सपर्ट की टीम भेजकर हाथियों को जंगल की तरफ ले जाया जाएगा। हाथियों के छत्तीसगढ़ के सेंचुरी एरिया यानी जहां हाथियों का झुंड पहले से है वहीं पहुंचाया जाएगा।

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