बिजली कर्मियों का 48 घंटे का कार्य बहिष्कार जारी

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को दूसरे दिन भी बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रबंधन पर जीपीएफ सीपीएफ व इपीएफ की धनराशि के बारे में गुमराह करने का आरोप लगाया। मीटर एक्सईएन अरुण कुमार सिंह ने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 06:04 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 09:24 PM (IST)
बिजली कर्मियों का 48 घंटे का कार्य बहिष्कार जारी
बिजली कर्मियों का 48 घंटे का कार्य बहिष्कार जारी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को दूसरे दिन भी बिजली कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय समेत ओबरा व अनपरा में कार्य बहिष्कार किया। प्रदर्शन के दौरान प्रबंधन पर जीपीएफ, सीपीएफ व इपीएफ की धनराशि के बारे में गुमराह करने का आरोप लगाया गया।

जिला मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। मीटर एक्सईएन अरुण कुमार सिंह ने कहा कि प्रबंधन तथा संघर्ष समिति में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी लेकिन, जीपीएफ, सीपीएफ व इपीएफ की धनराशि के बारे में स्पष्ट आदेश न करके गुमराह करने का प्रयास किया गया है। अभिषेक कुमार कौशल ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के कारण बाध्य होकर संपूर्ण कार्य बहिष्कार करना पड़ रहा है। इसमें रामेन्द्र पांडेय, वीरेश कुमार सिंह, सत्यप्रकाश, सिद्धार्थ मौर्या, रंजन कुमार शर्मा, शिवशंकर मेहता, अरविद कुमार सिंह, सुजीत कुमार पाठक, दिनेश कुमार, पुष्पराज सिंह, अंकित श्रीवास्तव, शिवम, जितेश आदि थे। आंदोलन के कारण राजस्व वसूली प्रभावित

ओबरा : पीएफ घोटाले के विरोध में परियोजना चिकित्सालय के पास सैकड़ों की संख्या में एकत्रित विद्युतकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन सहित प्रदेश सरकार व ऊर्जा प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्य बहिष्कार के कारण जहां राजस्व वसूली प्रभावित हुयी वहीं दूसरी तरफ परियोजना में फाल्ट आने पर अटेंड करने में बाधाएं उत्पन्न हुई। आंदोलन में वर्कर्स फ्रंट व पेंशनर परिषद के पदाधिकारियों ने पहुंच कर समर्थन किया। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे के शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार से सरकार न चेती तो मजबूरन शिफ्ट में कार्यरत बिजली कर्मी भी आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए बाध्य होंगे।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मचारियों के पीएफ घोटाले में डूब गयी 26 अरब रुपये की धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी लेकर प्रदेश सरकार को गजट नोटिफिकेशन जारी करने से रोकने में सबसे बड़ी भूमिका ऊर्जा विभाग के नौकरशाहों की है जो सरकार को गुमराह कर रहे हैं। वक्ताओं ने बताया कि 48 घंटे के ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के बाद कोर कमेटी की 20 नवम्बर को बैठक बुलाई गयी है जिसमें न्याय पाने के लिए संघर्ष के अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जायेगी।इसी मांग को लेकर जेई संगठन द्वारा 20 नवंबर से किये जाने वाले कार्य बहिष्कार कार्यक्रम का पुरजोर समर्थन किया।

सभा को सुरेश, अदालत वर्मा, बीएन सिंह, शशिकान्त श्रीवास्तव, दिनेश यादव, मनीष श्रीवास्तव, कैलाश नाथ, बीडी विश्वकर्मा, अम्बुज सिंह, दीपक सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, वीएस तिवारी, हरदेव नारायण तिवारी, दिनकर कपूर ने संबोधित किया। अध्यक्षता अजय सिंह व संचालन योगेन्द्र कुमार ने किया।

इसमें राजकुमार गुप्ता, कैलाश गुप्ता, अमिताभ आनंद, राहुल कुमार, एमए खान, आरके गुप्ता, सुजीत कुमार, एके मिश्रा, वीके धीमान, शशांक वर्मा, प्रभात वर्मा, दीपू गोपीनाथन, अर्जुन वर्मा, मनोज यादव, शशिकान्त, श्रीजीत, अजय, शाहिद अख्तर, श्रीकांत गुप्ता, पशुपति नाथ विश्वकर्मा, योगेन्द्र दुबे, सतीश कुमार आदि थे।

अनपरा तापीय परियोजना मुख्य द्वार पर आवाज बुलंद

अनपरा : अनपरा तापीय परियोजना मुख्य द्वार के समक्ष आयोजित विरोध सभा में आलोक सिन्हा, एके राय, मयंक मांगलिक, एसपी यादव, संदीप मिश्रा, अमरनाथ, जयनारायन गौतम ने कहा कि संघर्ष समिति की कोर कमेटी की बैठक 20 नवंबर को बुलायी गयी है। कार्य बहिष्कार के बाद कल की बैठक में न्याय के लिए संघर्ष के अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जायेगी। विद्युत कर्मियों व अभियंताओं द्वारा ब तापीय परियोजना के समक्ष भी अपनी मांगों को लेकर सभा की। अध्यक्षता अभियंता संघ के अध्यक्ष जीके मिश्रा तथा संचालन ताप विद्युत मजदूर संघ के शारदा प्रसाद ने किया। इसमें मणींद्र नाथ, रोहित राय, उमेश मिश्रा, श्रीकांत, विशंभर सिंह, रवींद्र जायसवाल, राजकुमार सिंह, विवेक सिंह, बृजबिहारी यादव, कान्हा प्रसाद समेत महिला कर्मी भी उपस्थित रही।

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