भक्ति-भगवान एक दूसरे के पूरक

चित्र-31एसआइटी47- -भागवत कथा का समापन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Mar 2019 11:39 PM (IST) Updated:Sun, 31 Mar 2019 11:39 PM (IST)
भक्ति-भगवान एक दूसरे के पूरक
भक्ति-भगवान एक दूसरे के पूरक

नैमिषारण्य (सीतापुर) : भक्त और भगवान एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों को एक दूसरे के बिना चैन नहीं है। भक्ति भगवान के प्रति समर्पित है और भगवान भक्ति के प्रति दयालु हैं। यही दोनों का संबंध है। यह बात कालीपीठ में चल रही भागवत कथा के समापन पर गुजरात के कथा व्यास जगदीश चंद्र ने कही। व्यास ने कहा कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा अवश्य ही करते हैं, परिस्थितियां चाहे जैसी भी रहें। इसलिए भक्तों का अपने भगवान से बहुत ही गहरा संबंध है। गज को पानी में जब मगरमच्छ ने जकड़ा तो वह भगवान की याद करता है। उसकी करुण पुकार सुनकर भगवान नंगे पैर उसे बचाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। कथा के समापन पर आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम में काली पीठाधीश गोपाल शास्त्री, भाष्कर शास्त्री आदि मौजूद रहे।

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