हुजूर, हमारा असलहा न जमा कराइए..

थानों पर पत्र दे जताई आशंका असलहे जमा करने पर मांगी छूट। 28 हजार शस्त्र हैं जिले में 17 हजार अब तक हो चुके हैं जमा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Apr 2019 11:13 PM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 11:13 PM (IST)
हुजूर, हमारा असलहा न जमा कराइए..
हुजूर, हमारा असलहा न जमा कराइए..

अनुपम सिंह, सीतापुर : कोई बैंक में ड्यूटी बजा रहा है, कोई प्रधान है, कोई व्यापारी है तो कोई पेट्रोल पंप और कोई भट्ठे का मालिक। इनके पास लाइसेंसी असलहे हैं। शस्त्र पास होने पर ये लोग खुद को महफूज समझते हैं। उधर, लोकसभा चुनाव सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस असलहों को जमा कराने में जुटी हुई है। जिले में करीब 28 हजार असलहे हैं, जिसमें अब तक पुलिस 17 हजार से अधिक असलहों को जमा भी करा चुकी है और थानावार ये कार्रवाई तेजी से चल रही है। पुलिस की कोशिश है कि चुनाव से पहले सभी शस्त्रों को हर सूरत में जमा करा लिया जाए, ताकि चुनाव में कोई गड़बड़ी न हो सके। अब असलहा जमा कराने में पुलिस की कार्रवाई को देख वे लोग बेचैन हो गए हैं, जो अपने शस्त्रों को नहीं जमा करना चाह रहे हैं। ऐसे लोगों में व्यापारियों की संख्या अधिक है और वह असलहा जमा हो जाने पर खुद को असुरक्षित महसूस होने की बात कह रहे हैं। थानों पर अब तक करीब एक हजार मामले आ चुके है, जिसमें लोगों ने असलहा जमा हो जाने पर जान का खतरा बताया है। थानावार आई अर्जियां

मामले (पत्र) थाना

300 शहर कोतवाली

50 महोली

39 सिधौली

6 इमलिया सुल्तानपुर

4 पिसावां

50 संदना

12 खैराबाद

40 कमलापुर

80 हरगांव

10 तालगांव

30 अटरिया

10 बिसवां

नोट (अन्य थानों का आंकड़ा ऐसा ही है) स्क्रीनिग कमेटी करेगी तय

थानों पर आ रहे इन मामलों को एसडीएम और सीओ की संस्तुति के बाद पुलिस कार्यालय भेजा जाएगा। इसके बाद पत्र डीएम के लिए फारवर्ड होगा। यहां पर स्क्रीनिग कमेटी गठित है, जिसके सदस्य डीएम, एसपी, एडीएम और दोनों एएसपी है। ये अफसर ही तय करेंगे कि किसे छूट देनी है और किसे नहीं। शस्त्र रखने की किसे जरूरत है, ये स्क्रीनिग कमेटी तय करेगी। इसके लिए मजबूत आधार देना होगा। जांच में अगर सच पाया जाता है कि वाकई में जान का खतरा है, तभी छूट मिलेगी।

महेंद्र प्रताप सिंह, एएसपी साउथ

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