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आग बुझाने में अब रोबोट का इस्तेमाल करेगा फायर डिपार्टमेंट, कई राज्यों में हो रहा प्रयोग; करोड़ों है कीमत

अहमदाबाद से आए रोबोट बनाने वाली स्वदेशी कंपनी के कंपनी के अधिकारी परेश जायसवाल ने बताया नौसेना में आईएनएस विक्रांत आईएनएस विक्रमादित्य पर अग्नि सुरक्षा के लिए रोबोट का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्यों में भी इसका प्रयोग आग लगने की घटनाओं में हो रहा है। इसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Published: Mon, 29 Apr 2024 04:53 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 04:53 PM (IST)
आग बुझाने में अब रोबोट का इस्तेमाल करेगा फायर डिपार्टमेंट

जागरण संवाददाता, लखनऊ। अब अग्निशमन विभाग फायर फाइटिंग रोबोट से आग बुझाएगा। इसके खरीदने की कवायद अग्निशमन विभाग में शुरू हो गई है। सोमवार दोपहर रोबोट का परीक्षण मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार, कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के समक्ष हजरतगंज फायर स्टेशन पर किया गया।

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ऐसे किया जाता है इस्तेमाल

रोबोट को घटनास्थल से 500 मीटर दूरी पर खड़ा अग्निशमन विभाग का कर्मचारी आपरेट कर सकेगा। इसके पिछले हिस्से में लगे पाइप में वाटर टेंडर को कनेक्ट किया जाएगा।

इसके बाद यह फायर फाइटिंग के लिए तैयार हो जाएगा। रिमोट की बटन आन करते ही कर्मी जिस दिशा में इसे ले जाना चाहेगा ले जा सकता है। खासकर इसका प्रयोग इमारत में लगी आग, जहां इमारत ढहने का खतरा हो। केमिकल की आग, आग का स्रोत खोजने में, भीषण धुएं वाली आग में करना बेहद सफल होगा।

इमारत में फंसे लोगों की देगा जानकारी

रोबोट में थर्मल इमेजिन कैमरा, आप्टिकल कैमरा लगा है। कैमरे का जूम रिमोट से 500 मीटर दूर खड़ा कर्मचारी भी सेट कर देख सकेगा। यह धुएं और आग के दौरान इमारत में फंसे लोगों की जानकारी देगा। रिमोट की सामान्य गाड़ी करीब 10 से 12 सीढ़ियां भी चढ़ जाएगी।

उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हो रहा प्रयोग

अहमदाबाद से आए रोबोट बनाने वाली स्वदेशी कंपनी के कंपनी के अधिकारी परेश जायसवाल ने बताया नौसेना में आईएनएस विक्रांत, आईएनएस विक्रमादित्य पर अग्नि सुरक्षा के लिए रोबोट का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्यों में भी इसका प्रयोग अग्निकांड की घटनाओं में हो रहा है। इसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है। इसे लाने ले जाने के लिए एक वैन भी होती है, जिसमें रैंप समेत अन्य उपकरण होते हैं।

सीएफओ ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर इसका प्रदर्शन कराया गया था। अभी खरीदा नहीं गया है। मुख्यालय के निर्देश पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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