प्यार मां जैसा हो वारि गंगा मिले

रामलीला मैदान तंबौर में कवि सम्मेलन व मुशायरे का कार्यक्रम हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 10:59 PM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 10:59 PM (IST)
प्यार मां जैसा हो वारि गंगा मिले
प्यार मां जैसा हो वारि गंगा मिले

सीतापुर : रामलीला मैदान तंबौर में कवि सम्मेलन व मुशायरे का कार्यक्रम हुआ। विनोद शर्मा ने कहा क्यारियां सींचने में पत्तियां कुछ शायद झड़ी होंगी मगर आरोप हम पर लग रहा है बेवफाई का। जगजीवन मिश्र ने कहा प्यार मां जैसा हो वारि गंगा मिले, ना मिले लूट और ना ही दंगा मिले। आलोक सीतापुरी ने कहा उजाला इस कदर से छा गया है, अंधेरे को चबा कर खा गया है, बजाए कौन अब आलोक दीपक, हवाओं को पसीना आ गया है। अंबरीष श्रीवास्तव अंबर ने कहा दशहरा दस शीश हर ले शक्ति से कर कामना, कूर महिषासुर व रावण का करें फिर सामना। डॉ. मनोज दीक्षित ने कहा जिसमें हो भूखे की रोटी आओ ऐसा गीत लिखें, सहज हसा दें आंखें रोती आओ ऐसा गीत लिखें। आचार्य अंबिका अंबुज ने कहा बेटा व बेटी में न कोई फर्क लाइए, दोनों को इक सामान ही शिक्षा दिलाइए। अख्तर जिया ने कहा हौसला जिनका निकल जाए थकन से आगे, रास्ता उन को ही मंजिल का पता देता है। अरुण शर्मा, दिनेश मिश्र राही, अबुल खैर, अफजल, देवेश तिवारी, देवेश, अलीम साहिल, मनोज मिश्र ने भी काव्य पाठ किया। जय कुमार वर्मा, सुयश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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