अपनी पर आ गए तो आंख ना मिला सकोगे.
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नैमिषारण्य (सीतापुर) : श्री वेद व्यास धाम में आयोजित 88 हजार श्रीमछ्वागवत पारायण महायज्ञ में शनिवार की रात कवि सम्मेलन के नाम रही। इसमें हजारों श्रद्धालु और आसपास गांव क्षेत्र के लोगों ने खूब आनंद उठाया। कवि सम्मेलन की शुरूआत मां सरस्वती वंदना से हुई। कवित्री डॉ. सीता सागर ने सरस्वती वंदना की शानदार प्रस्तुति दी। प्रसिद्ध हास्य व्यंगकार पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा के व्यंगों पर खूब ठहाके लगे। कहा-
राजा का काम नहीं है दलित के घर खाना..बल्कि ऐसी नीतियां बनाएं कि दलित राजा के जैसा खाना खाए..।
आप कहां बैठें हैं..ये महत्वपूर्ण नहीं है आप के दिमाग में क्या कवि अनिल बौझड़ ने अवधी भाषा में प्रसिद्ध कविता मुंह नोचवा सुनाकर लोगों से खूब ठहाके लगवाए। कहा-
हर जगह बसिगवा मुंह नोचवा कण-कण मा जसि भगवान बसैं..।
मौज लेइ का होई तऊ उनके कूचे जाऊ..हमहूं कूचे गए हन तुम्हूं कूचे जाऊ..। गीतकार गजेंद्र प्रियांशु ने प्रभु की भक्ति पर गीत सुनाकर लोगों के मन को मोहा-
सिया तेरा अभिशापित है राम..।
चंचला नयन से अचंचल हुआ है मन..।
अपनी पर आ गए तो आंख ना मिला सकोगे..।