मत्स्य विभाग ने 200 मछली पालकों को दिए आवास

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 11:33 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 11:33 PM (IST)
मत्स्य विभाग ने 200 मछली पालकों को दिए आवास
मत्स्य विभाग ने 200 मछली पालकों को दिए आवास

सीतापुर: बिल्कुल प्रधानमंत्री आवास की तर्ज पर सरकार मछली पालने वालों को भी सरकारी आवास दे रही है। मत्स्य विभाग मछली पालकों को आवास योजना से दो सैकड़ा पात्रों को लाभान्वित कर चुका है। यह योजना मछुवा समाज के लोगों के लिए खास है। मछुवा समाज में कहार, गोड़िया, कश्यप सहित करीब 11 जातियां आती हैं। इन लोगों की पात्रता जांच कर आवास दिए जाते हैं। वैसे तो यह योजना काफी अर्से से चल रही हैं, लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ कि यह आवासीय योजना बंद रही। यह आवास ऐसे गरीबों को मिलते हैं, जो मछुवा समाज से ताल्लुक रखते हैं और उनके पास रहने को ठिकाना नहीं है। ऐसे लोगों को मत्स्य विभाग में आवेदन करना होता है। आवेदन की जांच के बाद सरकार उनको आवास मुहय्या कराती है। इसमें पात्र की अपनी खुद की जमीन होनी चाहिए। साथ ही वह जमीन किसी विवाद में न हो। साथ ही ऐसे लोगों को भी यह आवास दिए जाते हैं जिन लोगों के पास पक्के आवास नहीं है। यानी वह कच्चे घर या फूस की झोपड़ी में रहते हों। पात्रता जांच मुकम्मल होने पर आवास बनाने के लिए सरकारी इदाद मिलती है। मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी अमरेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह विभाग द्वारा मछुवा समाज के कमजोर लोगों को आवास दिए जाते हैं। फिलवक्त इस साल अब तक इस योजना के बारे में कोई गाइड लाइन नहीं आई है। आवास आने पर पात्रों को दिए जाएंगे।

एक स्थान या गांव में रहने वालों को साथ मिलते हैं आवास

मछुवा समाज के लोगों को यह मकान बल्क में दिए जाते हैं। यानी यह आवास उस स्थान या गांव में बनवाए जाते हैं, जहां उसी समाज के कई लोग पात्र हों। एक साथ एक गांव या फिर आसपास रहने वाले दस से बीस लोगों को एक साथ आवास मुहय्या कराए जाते हैं। जानकार बताते हैं कि इस योजना के पात्रों को जब आवास दिए जाते हैं तो यह ख्याल रखा जाता है कि ज्यादातर लोग एक ही गांव या फिर आसपास के रहने वाले हों।

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