न्यायालय परिसर के मंदिर का खुला पट, श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

सिविल सिद्धार्थ बार एसोसिएशन की ओर से न्यायालय परिसर में नवनिर्मित मंदिर का पट सोमवार को दर्शन-पूजन के लिए खुला। श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। मंदिर में हनुमान प्रतिमा का विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूर्ण हुआ। प्रसाद वितरण के बाद पट द्वार खोला गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 10:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 10:23 PM (IST)
न्यायालय परिसर के मंदिर का खुला पट, श्रद्धालुओं ने किया दर्शन
न्यायालय परिसर के मंदिर का खुला पट, श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

सिद्धार्थनगर : सिविल सिद्धार्थ बार एसोसिएशन की ओर से न्यायालय परिसर में नवनिर्मित मंदिर का पट सोमवार को दर्शन-पूजन के लिए खुला। श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। मंदिर में हनुमान प्रतिमा का विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूर्ण हुआ। प्रसाद वितरण के बाद पट द्वार खोला गया।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह ने कहा भगवान राम ने हनुमान को आशीष देते हुए कहा था कि वह एकमात्र ऐसे देवता होंगे, जो कलयुग में पृथ्वी पर वास करेंगे। हनुमान अपने भक्तों के विध्न को हर लेते हैं, इसलिए इन्हें विध्नहर्ता व संकटमोचक के नाम से भी जाना जाता है। हमारे सनातन परंपरा रही है कि विधि विधान से पूजन संस्कार को संपन्न कराया जाए। अधिवास, पुष्पधिवास, फलाधिवास, वस्त्राधिवास, मिष्ठाधिवास, शैय्याधिवास आदि संस्कार पूर्ण किए गए। महामंत्री कृपाशंकर त्रिपाठी ने पूजन कार्य व सभी अनुष्ठान संपन्न कराए। कोषाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह, पूर्व महामंत्री दिव्य प्रकाश शुक्ल, अजय कुमार पांडेय, अजयकांत मिश्रा, सुदीप श्रीवास्तव, रामशंकर सिंह, राघवेंद्र सिंह, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, अंगद गुप्ता, धर्मेंद्र सिंह, अनिल विश्वकर्मा, विनोद चतुर्वेदी, विजय सिंह, उदयशंकर मिश्रा, सुरेश सिंह, संतोष मिश्रा, प्रभाकर मिश्र, देवानंद श्रीवास्तव, मनीष मणि त्रिपाठी, ध्रुवनारायण त्रिपाठी, श्रीकांत दुबे, राकेश सिंह, विजयशंकर मणि त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। सिक्ख समुदाय ने मनाया गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव सिद्धार्थनगर : गुरु गोबिंद सिंह का 355वां प्रकाशोत्सव सोमवार को गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा नौगढ़ में मनाया गया। गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ व शबद कीर्तन हुआ। अखंड पाठ का समापन किया गया। श्रद्धालुओं ने लंगर छका।

बस्ती के रागी जत्था ज्ञानी प्रदीप सिंह ने कहा सिक्खों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह साहिब रहे। उन्होंने सिक्ख समुदाय को स्वाभिमान के लड़ने की शिक्षा की शिक्षा दी। कर्म प्रधान बनने का पाठ पढ़ाया था। सिक्खों को केश, कंघा, कच्छा व कृपाण रखने की शिक्षा दी। इससे होने वाले लाभ को भी बताया। आज पूरे विश्व को गुरु गोबिंद सिंह साहिब के बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। तभी सुख व समृद्धि प्राप्त होगी। दलवीर सिंह, रविदर सिंह, बलविदर सिंह, तजिदर सिंह, धर्मेंद्र सिंह, हरविदर सिंह, जसमीत कौर, मनप्रीत कौर, सुनीता, कमलजीत कौर, मनजीत कौर, मोनू मिश्रा, नागेंद्र विश्वकर्मा, विश्वदीपक गुप्ता, राणा प्रताप सिंह, सिद्धार्थ गौतम आदि मौजूद रहे।

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