क्षतिग्रस्त पुलों पर नहीं पड़ रही नजर

ग्रामीण सड़कों की दशा वैसे भी बदतर है। ऊपर से मार्ग पर बने दो -दो पुल ढह जाने से लोगों के जहां आने जाने में काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। दुर्घटना की भी संभावनाएं प्रबल हो गई हैं । मिठवल विकास खंड के बरगदी व बानकुईयां में सरयू नहर द्वारा बनाये गए पुलों से चार दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का आवागमन होता था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Mar 2020 11:37 PM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2020 06:05 AM (IST)
क्षतिग्रस्त पुलों पर नहीं पड़ रही नजर
क्षतिग्रस्त पुलों पर नहीं पड़ रही नजर

सिद्धार्थनगर : ग्रामीण सड़कों की दशा वैसे भी बदतर है। ऊपर से मार्ग पर बने दो -दो पुल ढह जाने से लोगों के जहां आने जाने में काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। दुर्घटना की भी संभावनाएं प्रबल हो गई हैं । मिठवल विकास खंड के बरगदी व बानकुईयां में सरयू नहर द्वारा बनाये गए पुलों से चार दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का आवागमन होता था। पर अब वैकल्पिक व्यवस्था से आवागमन हो रहा है ।

सरयू नहर शाखा पर स्थित बरगदी गांव का पुल नवंबर में व बानकुईयां का पुल दिसंबर माह में पानी के तेज दबाव के कारण ढह गया था । बरगदी पुल के ढहने के दूसरे दिन यहां डुमरियागंज विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह सरयू नहर के अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने भी पहुंचे थे । ग्रामीणों के सामने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि तत्काल इसका स्टीमेट बनाकर शासन को भेजें । जिसे विभाग ने शासन को तो भेज दिया पर उस पर अभी तक कोई कार्य नहीं हो सका । पैदल राहगीर नहर से होकर आ जा रहे और वाहन वाले लोग पांच से सात किमी का चक्कर काट अपने गन्तव्य तक पहुंच रहे । इसी प्रकार की स्थित ध्वस्त हुए बानकुईयां पुल की भी है । पैदल आवागमन के लिए वैकल्पिक पुल ग्रामीणों ने तो बना लिया है वाहन वाले राहगीरों के सामने बड़ी समस्या है ।

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दोनों पुलियों का स्टीमेट बना कर भेजा जा चुका है । नहर चलने से पहले ही दोनों पुलियों का टेंडर प्रक्रिया के जरिये निर्माण कार्य करा दिया जाएगा ।

उग्रसेन सिंह

अधिशासी अभियंता, सरयू नहर बांसी

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