जिला ओडीएफ घोषित, खुले में शौच जाना मजबूरी

प्रशासनिक स्तर पर पूरे जिले को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मजबूरी खुले में शौच जाने की है। सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्था है। पर इसका लाभ पात्रों को नहीं मिल रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 11:36 PM (IST) Updated:Sun, 01 Dec 2019 11:36 PM (IST)
जिला ओडीएफ घोषित, खुले में शौच जाना मजबूरी
जिला ओडीएफ घोषित, खुले में शौच जाना मजबूरी

सिद्धार्थनगर: प्रशासनिक स्तर पर पूरे जिले को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मजबूरी खुले में शौच जाने की है। सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्था है। पर इसका लाभ पात्रों को नहीं मिल रहा। सरकारी दावे की कलई बभनी माफी गांव में खुल रही है। लोग शौचालय अनुदान राशि के इंतजार में हैं। किसी को पहली किश्त मिली है तो दूसरे किश्त का इंतजार है। साठ फीसदी घरों में शौचालय की दरकार है।

जिला खुले में शौच से मुक्त घोषित किया तो ग्रामीणों में उम्मीद जगी थी कि गांव के हर घर में अब शौचालय होगा, लेकिन उम्मीद धरी रह गई। प्रधान रफीकुल्लाह काफी वृद्ध है, उनका बेटा मुंबई रहकर गांव की प्रधानी चला रहा है। सभी अभिलेख वह अपने पास ही रखता है। जो गांव में यदाकदा ही आता हैं, ऐसे में जरूरी कार्यों व शौचालय अनुदान के लिए ग्रामीणों को दर-दर भटकना पड़ता है। कनीजा के पास शौचालय नहीं है। खुले में शौच की मजबूरी है। जुबैदा खातून, अब्दुल सई का शौचालय अपूर्ण है। पति के देहांत के बाद प्रधान ने सहयोग राशि की दूसरी किश्त नहीं दी। अहमद हुसैन ने बताया कि सूची में नाम है प्रधान द्वारा कहा गया कि शौचालय बनवा लो चेक दे दिया जाएगा। बीडीओ सुशील कुमार अग्रहरि ने कहा कि जांच कर पात्रों को शीघ्र अनुदान राशि उपलब्ध कराया जाएगा।

chat bot
आपका साथी