जर्जर मार्ग से होता दो दर्जन गांवों का सफर

बांसी -धानी मार्ग से निकला हंसवापार संपर्क मार्ग के दिन अब लदने वाले हैं। कई जगह बने गड्ढों में उठते गिरते चलते राहगीर विभाग व जन प्रतिनिधियों को कोस रहे हैं। दो दर्जन गांव के लिए तीन किमी लंबा यह मार्ग बरसात में और भी खतरनाक हो जाता है। इस पर सफर करते वक्त राहगीर की जान ही अटकी रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 10:08 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 10:08 PM (IST)
जर्जर मार्ग से होता दो दर्जन गांवों का सफर
जर्जर मार्ग से होता दो दर्जन गांवों का सफर

सिद्धार्थनगर : बांसी -धानी मार्ग से निकला हंसवापार संपर्क मार्ग के दिन अब लदने वाले हैं। कई जगह बने गड्ढों में उठते गिरते चलते राहगीर विभाग व जन प्रतिनिधियों को कोस रहे हैं। दो दर्जन गांव के लिए तीन किमी लंबा यह मार्ग बरसात में और भी खतरनाक हो जाता है। इस पर सफर करते वक्त राहगीर की जान ही अटकी रहती है।

आज से दस वर्ष पूर्व मंडी समिति ने इस मार्ग का निर्माण तो किया पर, बनने के बाद से आज तक कभी इस सड़क की मरम्मत पर वह ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में इस मार्ग पर एक -एक फिट का गहरा गड्ढा हो गया। जबकि इससे खुरही, मुडारे, पिपरा, डिहवा, जोगिया, उदयपुर भुसौला, लहरी आदि दो दर्जन गांवों का प्रतिदिन आवागमन होता है। साइकिल व मोटर साइकिल आए दिन मार्ग पर बने गड्ढों में गिरते हैं। क्षेत्र निवासी भगवानदास, रामनयन, जग्गु, कृष्णचन्द्र, परमात्मा, मो. कुद्दुस घनश्याम, मो. युनुस आदि का कहना है कि मार्ग का मरम्मत कराए जाने के लिए कई बार गुहार लगाई गई पर न तो विभाग के कानों पर जू-रेंगा और न जन प्रतिनिधि ही ध्यान दे रहे हैं।

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