सीमा के वीर नेपाल को लगाते हैं अबीर

सिद्धार्थनगर : भारत-नेपाल की यारी हर रिश्तों पर भारी है। पहरे से गहरे संबंध हैं। पर्व हो या कोई अन्

By Edited By: Publish:Thu, 05 Mar 2015 08:57 PM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2015 08:57 PM (IST)
सीमा के वीर नेपाल को लगाते हैं अबीर

सिद्धार्थनगर : भारत-नेपाल की यारी हर रिश्तों पर भारी है। पहरे से गहरे संबंध हैं। पर्व हो या कोई अन्य उत्सव एक दूसरे की भागीदारी सशक्त होती है। 2003 से सशस्त्र सीमा बल ने एक नई पहल की है। भारत-नेपाल सीमा के जवानों ने दोस्ती की नई चासनी तैयार की है। दूसरे के दिए उपहार से त्योहार मनाने की। नेपाल के प्रहरी यहां के जवानों के लिए दीपावली की मिठाई भेजते हैं तो वह उन्हें होली का अबीर। उसके बाद सीमा भी रंग-भंग की मस्ती में डूब मानों हर किसी को होली बधाई ही देती हो।

दुनियां के सभी मुल्कों से भारत-नेपाल की दोस्ती से सबक लेनी चाहिए। 1751 किलोमीटर की परिधि पर न कोई दीवार है न ही कटीले तार, बावजूद इसके कोई किसी की इंच पर जमीन पर भी काबिज नहीं है। सरहद के इस पार व उस पार दोनों ही देशों के जवान तो तैनात रहते हैं, मगर एक दूसरे से अदावत के लिए नहीं, ताकि कोई आतंकी इस रेखा को भेद न पाए। एक साथी से चूक होती है तो दूसरे देश का साथी उन्हें दबोच ले। पिछले 12 वर्षो से इनके पर्व मनाने का तरीका भी अजीब है। उसमें एक दूसरे की खुशियां शामिल होती हैं। हालांकि इसकी नींव रखी है एसएसबी ने। वर्ष 2003 में तैनाती के साथ उन्होंने आपस में मीटिंग के दौरान यह निर्णय लिया कि वह एक दूसरे को पर्व का उपहार भेजेंगे। उस वर्ष यहां से होली की मिठाई, कपड़े व अबीर गए तो वहां से भी दीपावली की मिठाई आई। एक-दो वर्ष ऐसे ही हुआ, फिर तो सिलसिला ही चल पड़ा। अब तो एक दूसरे के दिये उपहार से ही वह त्योहार मनाते हैं। गुरुवार को मुख्यालय के एसएसबी कैंप से अबीर व मिठाई भेजने की तैयारी चल रही थी। घर से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर तैनात इन जवानों ने तो अब सरहद पार के लोगों से अपने मुहबोल रिश्ते भी बना लिए हैं। कपिलवस्तु कैंप में तैनात एसएसबी जवान दीपक का नेपाली प्रहरी वीरेन्द्र गुरुंग के साथ मौसेरे भाई का संबंध है। अक्सर दोनों के घर वाले एक दूसरे के लिए मिठाई भेजते हैं। ऐसे ही खुनुवा के विक्रम का नेपाल पुलिस के राजू थापा से मामा-भांजे का रिश्ता है। विक्रम की मां रक्षाबंधन पर राजू के लिए राखी भेजती है। होली को लेकर जवान बेहद उत्साहित हैं। डिप्टी कमांडेंट ललित कुमार कहते हैं कि बार्डर तैनाती कठिन तो होती है, पर यह गौरवशाली लोगों को नसीब होता। अन्य लोगों एक स्थान पर रिश्तों का निर्वहन नहीं कर पाते और यहां जवान दो देशों के बीच का रिश्ता निभाता है।

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''एसएसबी ने यहां एक नई परंपरा की शुरुआत की है। अक्सर त्योहार से पहले एक दूसरे के बीच उपहार भेजने का चलन होता है, यहां जवानों ने कायम कर रखा है। इससे उनके आपस में रिश्ते इतने मजबूत हैं कि उससे सुरक्षा में भी मदद मिलती है। वह भले सीमा पर पर्व मनाएं, पर इसमें भी उनकी निगाहें अराजक तत्वों को ढूंढ ही लेती हैं।''

अमित शर्मा

कमांडेंट, एसएसबी

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