इतरायी बुद्धभूमि, डीएम को अमृत लाल नागर पुरस्कार

सिद्धार्थनगर : बुद्धभूमि के साहित्यिक खेमे में अजीबो गरीब हलचल है। साहित्य प्रेमी मगन हैं। पल ही ऐसा

By Edited By: Publish:Thu, 29 Jan 2015 08:58 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jan 2015 08:58 PM (IST)
इतरायी बुद्धभूमि, डीएम को अमृत लाल नागर पुरस्कार

सिद्धार्थनगर : बुद्धभूमि के साहित्यिक खेमे में अजीबो गरीब हलचल है। साहित्य प्रेमी मगन हैं। पल ही ऐसा है कि इतराते नजर आ रहे हैं। इतरायें भी क्यों न? उनके जिलाधिकारी को अमृत लाल नागर पुरस्कार मिलने जा रहा है। 15 मार्च को लखनऊ में जहां देश के चोटी के विद्वान जुटेंगे, वहीं सिर्फ एक व्यक्ति को यह पुरस्कार मिलना कितना सुखदायी हो सकता है, अनुभूति सहज संभव है।

जिलाधिकारी डा.सुरेन्द्र कुमार के तीन माह के कार्यकाल में जनता यह बखूबी जान चुकी है कि वह फर्ज व ईमान के सशक्त प्रतिमान हैं। कार्यभार ग्रहण करने के साथ बुद्धिजीवी तबके को इस बात का भी पता चल गया था कि वह एक उच्चकोटि के लेखक भी हैं। पचास से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। इतने व्यस्ततम क्षण में पुस्तक लेखन सामान्य बात नहीं, पर उन्होंने हर कदम पर दिनकर जी की इस पंक्ति 'मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है' को चरितार्थ किया। गुरुवार को जब यह बात सामने आयी कि उत्तर प्रदेश शासन योजनान्तर्गत राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा उनकी पुस्तक 'योग और अध्यात्म' को वर्ष 2014-15 के अमृत लाल नागर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया तो लगा जैसे खुशियों का ठिकाना ही न रहा। जिलाधिकारी डा.सुरेन्द्र कुमार के लिए नहीं, बल्कि जिले के लिए भी यह पहला मौका है कि जब यहां रहते हुए किसी को यह पुरस्कार मिला हो। उन्होंने खुद कहा है कि यह उनके जीवन का बड़ा दिन है। इससे उनकी लेखनी को ताकत व नई ऊर्जा मिलेगी और प्रयास होगा कि उनकी पुस्तकें समाज के लिए बड़ी प्रेरणास्रोत बनें।

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अब तक के पुरस्कार

जिलाधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार को अब तक वास्तु शब्दार्णव, अमृत जीवन एवं अरिष्टयोग विमर्श को अलग-अलग वर्षो में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से पुरस्कृत किया जा चुका है।

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उनकी पुस्तकें

ज्यातिष शब्द कोष, योग और अध्यात्म, ज्योतिष पंचशील, आयुर्वेद पंचशती, श्लेष अलंकर सिद्धांत एंव प्रयोग, धर्म शास्त्रस्रसहस्रकम, उत्तर खोजते प्रश्न, रत्‍‌न विमर्श, उत्तर प्रदेश की नदियां एवं पहाड़, हिन्दु समाज के प्रचलित संस्कार, भारत की विदुषी महिलाएं, शंकर गीता, पूर्वाचल लोक भाषा कोश, अमेरिका का प्रशैक्षणिक यात्रा-एक संस्मरण, सम्पादन-सूर्य विमर्श, संपादन-हिन्दुस्तानी त्रैमासिक लेख-अनुक्रमणिका, संपादन-संस्कृति पुरुष: पंडित विद्या निवास मिश्र, संपादन-सोहित्य-शेवधि, संपादन-इलाहाबाद साहित्यकार को कोष, संपादन-भारतीय मनीषा दर्शन, कौशाम्बी का स्वर्णिम इतिहास एवं वर्तमान।

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