कुपोषण से जंग में हार रही बुद्ध भूमि

By Edited By: Publish:Thu, 10 Apr 2014 12:15 AM (IST) Updated:Thu, 10 Apr 2014 12:15 AM (IST)
कुपोषण से जंग में हार रही बुद्ध भूमि

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : विकास के इस दौर में करोड़ों खर्चने के बावजूद भूमिबुद्ध कुपोषण के खिलाफ जंग में हार गई है। जनपद की 25 लाख आबादी में एक लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। यह अलग बात है कि सरकारी आंकड़ा लगभग 30 हजार है।

जिले के 2092 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित महिलाओं, बच्चों को पोषित करने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक जिले में कुपोषित बच्चों की तादाद एक लाख से कम नहीं है। हालांकि सरकारी आंकड़ों में कुपोषित 27 हजार 662 व अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 683 है। कुपोषण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बाधित कर देता है। शासन ने 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने का जिम्मा आइसीडीएस (बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग) को सौंपा है। इसके लिए हर वर्ष 1 से 7 सितंबर तक बाल स्वास्थ्य पोषण सप्ताह मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष मई व नवंबर में पोषण माह मनाया जाता है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों पर माह के पहले शनिवार को कार्यक‌र्त्री द्वारा प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं को पोषाहार के साथ देखभाल संबंधी परामर्श दिया जाता है। द्वितीय शनिवार को 0 से 3 वर्ष के बच्चों का वजन लेकर उसकी वृद्धि निगरानी पत्र पर अंकित की जाती है। माता-पिता को बच्चे के पोषण संबंधी सलाह दी जाती है। तृतीय शनिवार को महिला मंडल की बैठक कर कुपोषित बच्चों की माताओं को पोषण व देखभाल के लिए सुझाव दिए जाते हैं। चौथे शनिवार को किशोरी बालिकाओं की जागरूकता के लिए बैठक आयोजित की जाती हैं। यही नहीं ग्रेड 2 वाले बच्चों को एएनएम व स्वास्थ्य केंद्र पर भेजने तथा ग्रेड 3 व 4 में परिवार को बच्चों के लिए फौरन चिकित्सीय परामर्श की सलाह देते हुए आवश्यकतानुसार अस्पताल में भर्ती करवाने की व्यवस्था भी कार्यक‌िर्त्रयों के जिम्मे हैे । बावजूद इसके स्थिति में कोई फर्क नहीं दिख रहा है।

इंसर्ट--------

सर्वाधिक बांसी व मिठवल में कुपोषित बच्चे

जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों का विवरण इस प्रकार है। डुमरियागंज में 714, नौगढ़ में 1035, बर्डपुर में 656, बांसी में 6591, बढ़नी में 2407, भनवापुर में 2503, इटवा में 277, जोगिया में 1703, खेसरहा में 917, खुनियांव में 940, मिठवल में 6947, शोहरतगढ़ में 0, उस्का बाजार में 1492, शहर में 258, लोटन में 1222 बच्चे कुपोषित हैं। जबकि बांसी में 234, बढ़नी में 106, भनवापुर में, इटवा में, जोगिया में 32, खेसरहा में 186, खुनियांव में 65, मिठवल में 60 बच्चे अतिकुपोषित हैं। इसके अलावा शोहरतगढ़, उस्का बाजार, शहर, लोटन, डुमरियागंज, नौगढ़, बर्डपुर परियोजना में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या शून्य है।

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''विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों व गाइड लाइन के अनुसार सभी कार्यक‌िर्त्रयों को छूटे बच्चों को चिन्हित कर टीकाकरण दिवस पर खुराक पिलाने, छूटे बच्चों की सूची तैयार कर एएनएम को देने, नमक में आयोडीन की जांच करते हुए आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग को बढ़ावा देने, प्रसव पूर्व देखभाल करने, एनीमिया से बचाने , सुरक्षित प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।''

मनोज कुमार

जिला कार्यक्रम अधिकारी

सिद्धार्थनगर

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