रेशम उत्पादन से बहुरेंगे किसानों के दिन

श्रावस्ती: बढ़ती आबादी के जीविकोपार्जन का दबाव सीमित जोत पर है। ऐसे में सहफसली खेती किसानों के लिए फ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Jan 2019 11:48 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jan 2019 11:48 PM (IST)
रेशम उत्पादन से बहुरेंगे किसानों के दिन
रेशम उत्पादन से बहुरेंगे किसानों के दिन

श्रावस्ती: बढ़ती आबादी के जीविकोपार्जन का दबाव सीमित जोत पर है। ऐसे में सहफसली खेती किसानों के लिए फायदेमंद विकल्प है। नकदी फसल का उत्पादन करने के लिए रेशम की खेती शुरू हुई है। सेरी कल्चर रिसर्च डेवलपमेंट काउंसिल के सहयोग से सामाजिक संस्था दीप सेवा समिति ने यह मुहिम शुरू की है। एक साल में इस कार्यक्रम से साढ़े सात हजार किसानों को जोड़ कर जिले में धागा उत्पादन की यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य है।

प्रति किसान एक एकड़ क्षेत्रफल में शहतूत के पौधे लगवा कर रेशम उत्पादन की शुरुआत की जा रही है। पहले चरण में सिरसिया, गिलौला, हरिहरपुररानी व जमुनहा ब्लॉक के 300 किसानों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। ढाई सौ किसानों के खेत में शहतूत के पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधे से पौधे की दूरी लगभग चार फीट तथा लाइन से लाइन की दूरी आठ फीट रख जा रही है। इससे शहतूत लगे खेत में किसान गेहूं व धान की खेती भी आसानी से करेंगे।

खेतों में बनेगा कीट पालन गृह

रेशम उत्पादन के लिए शुरुआत में किसान खुद से अस्थाई कीट पालन गृह बनवाएंगे। छह फसल तैयार होने के बाद संस्था से ऋण पर स्थाई कीट पालन गृह बनवाया जाएगा। यह पैसा काकून से किस्तों में किसानों से लिया जाएगा।

जिले में खुलेगा क्रय केंद्र

दीप सेवा समिति के सचिव पवन त्रिपाठी ने बताया कि किसानों का तैयार काकून संस्था क्रय करेगी। बाजार भाव पर किसानों के बैंक खाते में भुगतान होगा। एक ब्लॉक में जब दो हजार किसान हो जाएंगे तो क्रय केंद्र ब्लॉक स्तर पर भी खुल जाएगा। पूरे जिले में साढ़े सात हजार किसान पूरे होने पर धागा उत्पादन यूनिट यहीं शुरू हो जाएगी।

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