बेसहारा गोवंश को आश्रय स्थल पहुंचाने का प्रयास विफल

ग्रामीणों के प्रबल विरोध पर बैरंग लौटे बीडीओ गांव के लोगों ने गो आश्रय स्थल में अव्यवस्था का लगाया आरोप

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:34 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 10:34 PM (IST)
बेसहारा गोवंश को आश्रय स्थल पहुंचाने का प्रयास विफल
बेसहारा गोवंश को आश्रय स्थल पहुंचाने का प्रयास विफल

श्रावस्ती : बौद्ध परिपथ व आसपास के गांवों में घूम रहे बेसहारा गोवंश को अकबरपुर स्थित गो आश्रय स्थल पहुंचाने का प्रशासन का प्रयास ग्रामीणों के प्रबल विरोध के चलते सफल नहीं हो पाया। अव्यवस्था का आरोप लगा रहे गांव के लोगों के आगे बेबस अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा। एकत्र किए गए गोवंश भी भाग गए।

जिले के जमुनहा तहसील के पिपरी गांव में स्थित गोशाला में मवेशियों की मौत का मामला प्रकाश में आने के बाद शासन के कड़े रुख व मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। बीडीओ ने ग्राम प्रधानों को सड़क व खेत में घूम रहे मवेशियों को अकबरपुर गो आश्रय स्थल पहुंचाने का निर्देश दिया। गुरुवार की सुबह कुछ लोग बेसहारा गोवंशों को एकत्र कर अकबरपुर गो आश्रय स्थल ले जा रहे थे। कटरा, खरगौरा बस्ती समेत आसपास के गांवों से गोवंश लेकर जा रहे लोगों को रघुवीरपुरवा के ग्रामीणों ने बलपूर्वक रोक लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि अकबरपुर गो आश्रय स्थल में पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। गो आश्रय स्थल के संचालक रात में चुपके से मवेशी छोड़ देते हैं, जो खेतों में पहुंच फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। ग्रामीणों के विरोध की सूचना पर बीडीओ सतीश चंद्र तिवारी भी पहुंचे। गांव के लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। बीडीओ ने फोन कर पुलिस को बुलाया। पुलिस टीम भी मौके पर नहीं पहुंची। ग्रामीणों का उग्र रुख देख बीडीओ वापस लौट गए।

कोट

अकबरपुर गो आश्रय स्थल में लगभग 350 मवेशियों के रहने की क्षमता है। चारा-पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था है। वर्तमान में वहां 236 मवेशी हैं। आसपास गांवों में घूम रहे बेसहारा मवेशियों को गो आश्रय स्थल भेजने की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की नाराजगी व पुलिस बल का सहयोग न मिल पाने के कारण हमें वापस होना पड़ा। गोशाला में व्यवस्था की कमी का ग्रामीणों का आरोप निराधार है।

-सतीश चंद्र त्रिपाठी, बीडीओ, इकौना

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