शामली की बेटियों ने आगे बढ़कर छुआ आसमान

जागरण संवाददाता, शामली: महिलाएं सशक्त होंगी तो समाज को नई दिशा दे सकेंगी। खाप चौधरियों क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 10:40 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 10:40 PM (IST)
शामली की बेटियों ने आगे बढ़कर छुआ आसमान
शामली की बेटियों ने आगे बढ़कर छुआ आसमान

जागरण संवाददाता, शामली:

महिलाएं सशक्त होंगी तो समाज को नई दिशा दे सकेंगी। खाप चौधरियों की धरा पर महिलाओं की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है। शामली की बहू-बेटियां घरों की चहारदीवारी से निकलकर शिक्षा, प्रशासन, राजनीति, विज्ञान, कला व साहित्य के क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही है। शामली की बेटियां प्रदेशभर में महिलाओं को सशक्त करने के साथ ही सामजिक बुराईयों के खात्मे का कदम उठाकर समाज को नई दिशा दे रही है। कवियत्री रेखा वर्मा

मध्यमवर्गीय परिवार में पली बढ़ी रेखा के सपने बड़े है। रेखा ने दर्जनों कविताओं की रचना कर साहित्य जगत में अपनी अलग ही छवि बनाई हुई है। समाजसेवा कर वह गरीबों की सहायता करती है। शोषण, अत्याचार का रेखा खुलकर विरोध करती है। प्रदूषण फैला रही टाफी फैक्ट्री के खिलाफ रेखा ने ने डीएम से लेकर हाइकोर्ट तक की लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई में विजय हासिल की। रेखा वर्मा ने आइएएस की तैयारी के साथ ही दिल्ली में रहकर आईएएस के अभ्यर्थियों को भी तैयारी करा रही है। वैज्ञानिक डा. मोनिका सैनी

क्लो¨नग में रिसर्च कर चुकी डा. मोनिका सैनी ने जिले नाम बुलंद किया। डा. मोनिका सैनी करनाल डेयरी अनुसंधान केंद्र में पशुओं की अच्छी नस्ल पैदा करने के लिए स्पर्म पर शोध कर चुकी है। उनकी टीम ने भैंस का क्लोन बनाने में भी सफलता हासिल की थी। शामली के मोहल्ला रेलपार में मांगेराम सैनी की बेटी डा. मोनिका अब भी पशुओं की नस्ल में सुधार पर निरंतर रिसर्च कर रही है। समाजसेविका पल्लवी मित्तल

अपना घर आश्रम में केयर टेकर पल्लवी मित्तल समाज सुधार के कार्यों में निरंतर लगी है। नारी सशक्तिकरण, गरीबों, मजलूमों की सहायता और सामाजिक बुराईयों को दूर करने के साथ ही पल्लवी कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध भी निरंतर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। दिव्यांग पायल कश्यप

थानाभवन कस्बे की बिटिया पायल दिव्यांग है। पायल ने आतंकी कसाब को फांसी की सजा दिलाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। शिक्षा के क्षेत्र में गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही है। पायल को बचपन में पोलियो हो गया था। पायल ने पंचायत द्वारा जींस नहीं पहनने पर सुनाए गए फरमान का भी खुलकर विरोध किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उन्हें सम्मानित किया था। प्रकृति दीक्षित

पैरों के अंगूठे और अंगुली के बीच कूंची को फंसाकर गिनीज व‌र्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के ख्वाब को पूरा करने का प्रयास किया। 164 वर्गमीटर का कैनवास पर सुबह 10.25 बजे से रात 8.40 बजे तक समुद्र में दो मछली की मनमोहक पें¨टग बनाई। कैनवास को दो भागों में विभाजित किया गया था। हालांकि, अभी तक परिणाम घोषित नहीं हुआ है, लेकिन विश्व स्तर पर शामली का नाम रोशन जरूर किया है।

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