अधिवक्ता दंपती समेत तीन को उम्र कैद

शाहजहांपुर : अपर सत्र न्यायाधीश एहसानुल्लाह खां ने नृशंस हत्या मुकदमें में गुनाह साबित होने पर मंगल

By Edited By: Publish:Wed, 29 Jun 2016 01:27 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2016 01:27 AM (IST)
अधिवक्ता दंपती समेत तीन को उम्र कैद

शाहजहांपुर : अपर सत्र न्यायाधीश एहसानुल्लाह खां ने नृशंस हत्या मुकदमें में गुनाह साबित होने पर मंगलवार को अधिवक्ता विनय कुमार ¨सह उसके छोटे भाई फौजी विनोद कुमार ¨सह उसकी पत्नी मीना उर्फ मीनाक्षी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा अधिवक्ता दंपती को सावा दो-दो लाख एवं फौजी को सवाल लाख रुपये अर्थदंड भी देने पड़ेंगे। अर्थदंड में से एक लाख रुपये पीड़ित पिता को दिए जाने का प्रावधान किया गया। सन् 1994 में छेड़छाड़ के कथित आरोप में युवक की नृशंस हत्या की गई थी। वारदात की सूचना पर पुलिस पहुंची तो अधिवक्ता के घर से अफीम बरामद हुई थी। कोर्ट ने अधिवक्ता दंपती को एनडीपीएस मामले में दोषी मानते हुए दस वर्ष की अतिरिक्त सजा सुनाई, जिसकी गणना उम्र कैद के साथ होगी।

सदर-बाजार थाना क्षेत्र के भारद्वाज कॉलोनी निवासी सुरेश नारायण श्रीवास्तव के पड़ोस में अधिवक्ता विनय कुमार ¨सह का परिवार रहता है। दोनों ही परिवारों में बेहद मधुर संबंध हुआ करते था, जिनमें सन् 1994 में कथित छेड़छाड़ को लेकर विवाद हो गया। अधिवक्ता विनय कुमार ¨सह ने सुरेश नारायण श्रीवास्तव से उनके पुत्र आलोक के बारे छेड़छाड़ की शिकायत की थी। सुरेश नारायण को हिदायत दी थी कि अपने पुत्र को समझा लो वर्ना उसे जान से हाथ धोना पड़ जाएगा। विनय ने आलोक के लिए अपने घर का दरवाजा भी हमेशा के लिए बंद कर दिया था। हिदायत के बावजूद आलोक तीन मई को घर से दही खरीदने निकला था। लेकिन देर शाम तक नहीं लौटा तो परिवार के लोगों को ¨चता हुई। परिजनों ने ढूंढना शुरू किया तो अगले दिन जानकारी मिली कि तीन मई को आलोक दोपहर बाद अधिवक्ता विनय के घर गया था। जिसके बाद अधिवक्ता विनय ¨सह उनके फौजी भाई विनोद को एक बोरी में कुछ भरकर ओवर ब्रिज की ओर ले जाते हुए देखने की जानकारी कटिया टोला निवासी अजित कुमार ने दी। चूंकि अधिवक्ता ने पहले ही हत्या की हिदायत दी थी, लिहाजा पीड़ित परिवार के लोगों ने खुद के स्तर पर पड़ताल की तो सच सामने आ गया। असल में अधिवक्ता के घर बाहर गिरा खून का धब्बा खन्नौत पुल तक देखा गया था। खून के धब्बों के सहारे पीड़ित परिवार खन्नौत पुल तक पहुंचे तो प्लास्टिक की बोरी में शव नजर आ गया। जिसके बाद पीड़ित पिता ने सदर-बाजार थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने छानबीन की तो आलोक के मर्डर की बात स्पष्ट हो गई। पीड़ित पिता ने अधिवक्ता विनय उसके फौजी भाई एवं अधिवक्ता की पत्नी मीनाक्षी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। सनसनीखेज हत्या में दो दशक से ज्यादा चली सुनवाई में तीनों आरोपियों का गुनाह साबित हो गया। मुकदमें में पुलिस ने छानबीन शुरू की तो अधिवक्ता के घर से अफीम बरामद हुई थी। केस की छानबीन के बाद पुलिस ने चार्जशीट लगाया था। सहायक अभियोजन अधिकारी खलील खां एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कमल शुक्ला शील ने पैरवी की, जिससे संतुष्ट होकर अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। मामला शहर से जुड़ा होने के कारण केस में निर्णय आने का इंतजार करने कचहरी में पक्षकार उनसे जुड़े लोगों की भीड़ उमड़ी थी।

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