पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्य के पक्ष में निकाला जुलूस

शाहजहांपुर : सफ्तयारा के भूमि विवाद को लेकर बुधवार को अनुसूचित जाति जनजाति महासंघ ने जुलूस निकालकर

By Edited By: Publish:Wed, 12 Aug 2015 11:30 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2015 11:30 PM (IST)
पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्य के पक्ष में निकाला जुलूस

शाहजहांपुर : सफ्तयारा के भूमि विवाद को लेकर बुधवार को अनुसूचित जाति जनजाति महासंघ ने जुलूस निकालकर राजकीय पालीटेक्निक के प्रधानाचार्य राजन ¨सह के पक्ष में नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। इंटक के प्रदर्शन के जबाव में निकाले गए जुलूस के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानाचार्य की पत्नी की जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोपियों की गिरफ्तारी तथा बचाव करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

ददरौल ब्लाक के गांव सफ्त्यारा की जमीन पर कब्जे को लेकर दर्ज मुकदमे के आरोपियों की गिरफ्तारी रोकने तथा प्रधानाचार्य के विरुद्ध जांच के लिए इंटक ने प्रदर्शन किया गया। जबाव में बुधवार को अनुसूचित जाति जनजाति महासंघ ने सड़को पर उतर कर आंदोलन किया। सैकड़ों की संख्या में प्रधानाचार्य के पक्ष में प्रदर्शन को आए युवाओं व छात्रों ने प्रधानाचार्य राजन ¨सह की पत्नी सरोज ¨सह की जमीन पर कब्जा करने के आरोपियों को तत्काल जेल भेजने तथा उनका अनुचित बचाव करने वाले लोंगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था राजन ¨सह ने जनपद को तीन नए पालीटेक्निक दिलाए। राजकीय पालीटेक्निक में दो नई इंजीनिय¨रग शाखाएं भी खुलवाई। यही वजह है कि जनपद के लोग उन्हें बेहद पंसद करते है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दलित होने के नाते प्रधानाचार्य की पत्नी की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया। एफआइआर दर्ज होने के बाद भी अभी कुछ दबंग बाहर है। उन्हें बचाने के लिए प्रधानाचार्य की छवि को खराब करने को इंटक धरना प्रदर्शन की राजनीति कर रही है।

जुलूस, प्रदर्शन व ज्ञापन देने वालों में अनुसूचित जाति माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. अमर ¨सह जौहर, सफाई मजदूर संघ के प्रांतीय महामंत्री दौलतराम, भारतीय बौद्ध सभा के जिलाध्यक्ष महेंद्र ¨सह दिनकर, बुद्ध बिहार समिति के जगदीश प्रसाद, श्याम बिहारी, महबूब इदरीशी, बाबूराम भारती, रामऔतार, विश्राम ¨सह, फकीरेलाल भोजवाल, सुरेश पाल ¨सह एडवोकेट, डीआर शर्मा, रामप्रकाश, कमलेश निगम, वीरेंद्र कुमार, महेंद्र प्रताप गौतम, राजकिशोर आदि दो दर्जन संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।

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