गबन के आरोपित पूर्व पालिका अध्यक्ष को आठ लाख जमा कराने के बाद छोड़ा

जेएनएन सम्भल नगर पालिका परिषद में वाहन खरीदने के नाम पर ईओ व कर्मचारियों के साथ मिलकर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 May 2022 11:58 PM (IST) Updated:Wed, 04 May 2022 11:58 PM (IST)
गबन के आरोपित पूर्व पालिका अध्यक्ष को आठ लाख जमा कराने के बाद छोड़ा
गबन के आरोपित पूर्व पालिका अध्यक्ष को आठ लाख जमा कराने के बाद छोड़ा

जेएनएन, सम्भल: नगर पालिका परिषद में वाहन खरीदने के नाम पर ईओ व कर्मचारियों के साथ मिलकर 42 लाख रुपये के गबन के मामले में आरोपित पूर्व पालिकाध्यक्ष से तहसीलदार ने धनराशि वसूलने के लिए तहसील में तीन घंटे बैठाएं रखा। आठ लाख रुपये जमा कराने के बाद बाकी के रकम दस दिन में जमा करने का समय देकर उन्हें वापस घर भेज गया। यह गबन सपा सरकार में वर्ष 2016 में किया गया था और वर्ष 2022 जनवरी में पूर्व पालिकाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में शासन ने पहले ही तत्कालीन ईओ व नगर निगम प्रयागराज के सहायक आयुक्त को निलंबित किया जा चुका है।

नगर पालिका परिषद सम्भल के पूर्व सभासद मुकेश शुक्ला ने 18 दिसंबर वर्ष 2017 को मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ पोर्टल पर शिकायत कर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हकीम कौशर अहमद के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इसमें पालिकाध्यक्ष, पूर्व ईओ और कुछ कर्मचारियों पर लाखों रुपये का घोटाला वाहन खरीदने में करने का आरोप लगाया था। इसके बाद जांच के आदेश हुए तो उस समय के डीएम ने जांच कमेटी नियुक्त कर दी थी। यह घोटाला वर्ष 2016 में उस समय हुआ था, जब नगर पालिका में पांच वाहन खरीदे गए थे। जांच कमेटी ने इस मामले में 42 लाख रुपये का घोटाला होने की पुष्टि करते हुए वर्ष 2022 के जनवरी में पूर्व पालिकाध्यक्ष हकीम कौशर अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही अप्रैल में शासन ने सम्भल नगर पालिका के पूर्व ईओ व सहायक नगर आयुक्त राजकुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया था। इस मामले में जांच कमेटी ने जेई जलकर, लेखाकार, लिपिक, लेखा लिपिक को भी दोषी माना था, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उधर पूर्व पालिकाध्यक्ष से गबन की गई धनराशि को वसूलने के लिए तहसील प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी थी। 25 फरवरी को आरसी जारी करते हुए 15 दिन के अंदर रुपये जमा करने की बात पूर्व पालिकाध्यक्ष से कही गई थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने समय मांगा तो कुछ दिन और दे दिए गए, लेकिन इसके बाद भी रुपये जमा नहीं किए गए तो बुधवार को अमीन पूर्व पालिकाध्यक्ष के घर भेज दिए और वह उन्हें तहसील लेकर आ गए। यहां तहसीलदार मनोज कुमार सिंह ने पूर्व पालिकाध्यक्ष से रुपये जमा करने की बात कही और न जमा करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। तीन घंटे तक पूर्व पालिकाध्यक्ष तहसील में बैठे रहे। इसके बाद उन्होंने आठ रुपये जमा करके शेष धनराशि जमा करने के लिए एक माह का समय मांगा, लेकिन तहसीलदार ने दस दिन का समय देकर उन्हें घर भेज दिया। अब शेष धनराशि दस दिन के अंदर पूर्व पालिकाध्यक्ष को जमा करनी होगी।

फरवरी में आरसी जारी हुई थी। उसके बाद भी उन्होंने रुपये जमा नहीं किए। अमीन को पूर्व पालिकाध्यक्ष के घर भेजकर उन्हें तहसील बुलाया गया। उन्होंने आठ लाख रुपये जमा कर दिए है। शेष धनराशि एक माह में जमा करने की बात उन्होंने कही थी, लेकिन उन्हें दस दिन का समय दिया गया है।

मनोज कुमार सिंह, तहसीलदार

जो वाहन खरीदे गए थे वह वाहन आज भी नगर पालिका में मौजूद है। उन्हें कूड़ा उठाया जा रहा है। वह वाहन लगातार चल रहे हैं तो फिर कैसे घोटाला कर लिया गया। मुझे बदनाम करने के लिए यह सबकुछ किया जा रहा है।

हकीम कौशर अहमद, पूर्व पालिका अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, सम्भल

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