दिल्ली कूच को निकले 52 किसान हिरासत में, पुलिस से नोंकझोंक

जागरण संवाददाता सम्भल कृषि अध्यादेश के विरोध में हो रहे आंदोलन को लेकर गुरुवार की सु

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 12:38 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 12:38 AM (IST)
दिल्ली कूच को निकले 52 किसान हिरासत में, पुलिस से नोंकझोंक
दिल्ली कूच को निकले 52 किसान हिरासत में, पुलिस से नोंकझोंक

जागरण संवाददाता, सम्भल: कृषि अध्यादेश के विरोध में हो रहे आंदोलन को लेकर गुरुवार की सुबह से ही पुलिस प्रशासन पहले से ही सतर्क था। प्रशासन की ओर से चौधरी सराय पुलिस चौकी के पास पुलिस पिकेट को लगा दिया गया था, इसके बाद भी भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह काफी संख्या में कार्यकर्ताओं व किसानों के साथ दिल्ली की ओर जा रहे थे। जिन्हें पुलिस ने चौकी के पास रोक लिया और अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने, जिसको लेकर किसान नेताओं और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में कुछ नोकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस सभी को हिरासत में कर सिंहपुर सानी में बनाई गई अस्थाई जेल में ले गई। प्रशासन के अनुसार 52 किसान नेताओं व किसानों को हिरासत में लिया गया।

सरकार की ओर से लाए गए कृषि अध्यादेश का किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस अध्यादेश के विरोध में गुरुवार को सभी किसान संगठनों ने दिल्ली में एकत्र होकर आंदोलन व विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई थी। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह के नेतृत्व में जनपद के काफी संख्या में किसान व संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर दिल्ली के लिए कूच कर दी। पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट था। एएसपी आलोक कुमार जायसवाल, एसडीएम दीपेंद्र यादव, सीओ अरुण कुमार सिंह पुलिस बल के साथ चौधरी सराय पुलिस चौकी पर मौजूद थे। जैसे ही वाहनों में सवार पदाधिकारी व किसान वहां पर पहुंचे तो पुलिस ने बैरियर लगाकर वाहनों को रोक लिया। इस पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस ने किसी को भी आगे नहीं जाने दिया। पुलिस प्रशासन और भाकियू पदाधिकारियों में नोंकझोंक भी हो गई। वह पुलिस चौकी के आगे लेट गए और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। विरोध प्रदर्शन के कारण चौधरी सराय चौराहे पर जाम लग गया, जिससे चारों ओर वाहनों की लंबी कतारे लग गई। काफी देर की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने किसानों व भाकियू कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और नखासा थाना क्षेत्र के गांव चंदावली इंटर कालेज में बनी अस्थाई जेल में नजर बंद कर दिया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस द्वारा बैरियर लगाकर वाहनों की जांच की जा रही थी। भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश किसान विरोधी है। जबकि हमारी मांग है कि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकवाने, समर्थन मूल्य से कम की खरीद पर कार्रवाई करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहाकि जब तक सरकार किसान विरोधी फैसला नहीं बदलेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन के लिए गुन्नौर के रजपुरा से चंद्रप्रकाश यादव व धनारी से ऋषिपाल यादव के नेतृत्व में आए किसानों के साथ ही जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह, संजीव गांधी, अशरफ, जगवीर सिंह यादव समेत काफी संख्या में मौजूद संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ किसानों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 52 किसानों को मुचलके में पाबंद कर छोड़ दिया गया। अस्थाई जेल से रिहा होने के बाद भाकियू कार्यकर्ता गजरौला के लिए रवाना हो गए। वर्जन

दिल्ली जा रहे लोगों को चौधरी सराय में रोक दिया गया था। बाद में इन लोगों को अस्थाई जेल भेज दिया गया था। जहां से सभी को निजी मुचलके में पाबंद करते हुए रिहा कर दिया गया।

दीपेंद्र यादव, एसडीएम सम्भल

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