किसानों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों के विरोध में उतरी भाकियू

गन्ने की फसल के अवशेष और पत्ती जलाने के आरोप में प्रशासन द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों के विरोध में शुक्रवार को देवबंद में किसान यूनियन ने तहसीलदार कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों प्रदेश सरकार व प्रशासन पर किसानों के शोषण का आरोप लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:11 AM (IST)
किसानों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों के विरोध में उतरी भाकियू
किसानों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों के विरोध में उतरी भाकियू

सहारनपुर, जेएनएन। गन्ने की फसल के अवशेष और पत्ती जलाने के आरोप में प्रशासन द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों के विरोध में शुक्रवार को देवबंद में किसान यूनियन ने तहसीलदार कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों प्रदेश सरकार व प्रशासन पर किसानों के शोषण का आरोप लगाया।

शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन ने तहसील परिसर में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि सर्दी से बचने के लिए जो किसान अपने खेतों में अलाव जला रहे थे, उनके खिलाफ ही झूठे मुकदमे लिखवा दिए गए हैं। इसके उपरांत धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए चौधरी विनय कुमार ने कहा कि गुनारसा गांव में कई किसानों पर गन्ना पत्ती जलाने के मुकदमे लिखे गए हैं, जबकि उक्त किसान सर्दी से बचने के लिए अपने खेत में पत्ती की अलाव जला रहे थे। लेकिन प्रशासन ने उनके खिलाफ झूठे मुकदमे लिखवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के पास गन्ना पत्ती काटने का यंत्र नहीं है। सरकार गन्ने की पत्ती को किसानों के खेत में ही काटे या फिर उसे भरकर कहीं सरकारी जमीन पर इकत्र करवा दें, ऐसा नहीं होगा तो मजबूरन किसान को पत्ती को खेत में ही जलाना पडेगा। विनय कुमार ने कहा कि 21 दिसंबर को यूनियन जिलाधिकारी कार्यालय में ही गन्ना पत्ती को जलाकर अपना विरोध प्रकट करेगी। तहसील अध्यक्ष ईश्वर चंद आर्य ने कहा कि चीनी मिल मालिक व सरकार बकाया गन्ना भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मान रहे हैं। यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गन्ना भुगतान ब्याज सहित करवा देगी तो किसान गन्ना पत्ती नहीं जलाएगा। इस मौके पर चौधरी राजपाल सिंह, केहर सिंह, भूपेंद्र त्यागी, राजेंद्र कुमार, अरविद त्यागी, नवीन कुमार, विक्रम सिंह, संदीप, अमरदीप, नीशू आदि किसान मौजूद रहे।

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