आयरन हैंडीक्राफ्ट उद्योग में बजी संकट की घंटी

बेहट की घंटी कृषि उद्योग जगत में प्रख्यात है। विश्व के विभिन्न देशों को करीब 80 करोड़ रुपये की घंटी प्रत्येक साल निर्यात कर यह उद्योग विदेशी मुद्रा अर्जित करता है लेकिन लॉकडाउन में इस उद्योग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। क्योंकि निर्यात के सभी आर्डर विदेशी खरीदारों ने निरस्त कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 10:34 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 10:34 PM (IST)
आयरन हैंडीक्राफ्ट उद्योग में बजी संकट की घंटी
आयरन हैंडीक्राफ्ट उद्योग में बजी संकट की घंटी

सहारनपुर, जेएनएन। बेहट की घंटी कृषि उद्योग जगत में प्रख्यात है। विश्व के विभिन्न देशों को करीब 80 करोड़ रुपये की घंटी प्रत्येक साल निर्यात कर यह उद्योग विदेशी मुद्रा अर्जित करता है, लेकिन लॉकडाउन में इस उद्योग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। क्योंकि निर्यात के सभी आर्डर विदेशी खरीदारों ने निरस्त कर दिए हैं। ऐसे में इस उद्योग से जुड़े क्षेत्र के करीब 1000 से भी अधिक परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

दरअसल, बेहट का आयरन हैंडीक्राफ्ट उद्योग जिसे घंटी उद्योग के नाम से जाना जाता है। यह घंटी पशुओं के बांधने के काम आती है। यहां के कारीगरों द्वारा तैयार किए जाने वाले फैंसी आइटम विश्व के विभिन्न देशों में निर्यात किए जाते हैं। क्षेत्र के कई गांवों में घर घर में इन्हें तैयार किया जाता है। इस काम में पुरूष ही नहीं महिलाएं बराबर हाथ बंटाती हैं। यह सब परिवार विदेशी व्यापारियों और स्थानीय स्तर के निर्यातकों के आर्डर पर सामान तैयार करके परिवार का पेट पालते हैं। यहां करीब पांच मुख्य निर्यातक हैं। जिनका उत्पाद जापान, जर्मनी, इटली, ब्राजील, यूएसए चिली, ग्रिस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, कनाडा व ऑस्ट्रेलिया आदि देशों को निर्यात होता है। लॉकडाउन के चलते यह उद्योग मंदी की मार में फंसा नजर आ रहा है। माल की सप्लाई न होने से फंसी जमा पूंजी

विलेज हैंडीक्राफ्ट के मैनेजर मोहम्मद आसिफ अंसारी का कहना है कि विदेशी ग्राहकों सहित दिल्ली और मुरादाबाद के सप्लायर ने लॉकडाउन के बीच दिए ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं। जिससे निर्यातको के सामने संकट आ गया है। वहीं गांवों में ऑर्डर पर सामान तैयार करने वाले परिवारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। तैयार माल उनके घरों में रखा है। माल की सप्लाई न होने से उनकी जमा पूंजी भी फंसी है और आगे रोजगार भी बंद हो गया है।

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